छत्तीसगढ़ में शराब बेचने का कानून पास

Last Updated 31 Mar 2017 09:38:42 AM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ आबकारी (संशोधन) विधेयक 2017 को बहुमत के अधार पर पारित कर दिया गया.


छत्तीसगढ़ विधानसभा (फाइल फोटो)

गुरुवार को इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य में अब निगम के माध्यम से सरकारी दुकानों में देशी, विदेशी मदिरा की बिक्री हो सकेगी. राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के मत विभाजन की मांग के बाद विधेयक के पक्ष में 49 और विरोध में 33 मत प्राप्त हुए.

राज्य के वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक के पारित होने से राज्य में अवैध शराब की बिक्री बंद होगी और कोचियों के माध्यम से शराब बेचना समाप्त होगा. इससे राज्य का कोष बढ़ेगा.

अग्रवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश है कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर शराब बिक्री के लिए लाईसेंस प्रदान नहीं किए जाए. इससे राज्य की 416 शराब दुकानें प्रभावित हो रही है. इन दुकानों को दूसरी जगह पर स्थानांतरित किया जा रहा है. इन दुकानों का राजस्व लगभग 2200 करोड़ रूपए है.

उन्होंने कहा कि उन दुकानों का व्यवस्थापन नहीं होने की संभावना है, जो राजस्व हित में नहीं है. साथ ही राजस्व हित में शराब की अवैध बिक्री की रोकथाम भी जरूरी है.

मंत्री ने कहा कि इसलिए राज्य सरकार ने राजस्व को सुरक्षित रखने की दृष्टि से मदिरा के फुटकर विक्रय का अधिकार पृथक से सार्वजनिक उपक्रम को प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है. इसके लिए राज्य शासन के पूर्ण स्वामित्व वाले सार्वजनिक उपक्रम का सृजन आवश्यक था.

अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार शराब की अवैध बिक्री में लगे बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसके तहत ऐसे काम करने वाले 1093 कोचियों को गैर जमानती धाराओं के तहत जेल भेजा गया है. इस दौरान मंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य के ऐसे गांव जहां तीन हजार तक आबादी है वहां शराब की दुकानें बंद कर दी जाएंगी. 

मंत्री ने बताया कि राज्य में 11 सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो उन राज्यों की यात्रा और अध्ययन करेगी जहां शराब निषेध लागू किया गया है या सरकार की देखरेख में शराब की बिक्री की जाती है.        

इससे पहले विधेयक के विरोध में कांग्रेस के सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि शराब को लेकर सरकार का रवैया ठीक नहीं है. एक ओर सरकार स्वयं शराब बेचना चाह रही है वहीं दूसरी ओर शराब के विरोध में भारत माता वाहिनी बनायी गयी है.

शर्मा ने कहा कि राज्य में शराब का विरोध हो रहा है और लोग सड़क पर आ गए हैं. दुकानें नहीं खुलने दी जा रही है. लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. सरकार मंदिरों, स्कूलों और श्मशान भूमि के करीब भी शराब दुकान खोल रही है.

कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि सरकार को शराब बेचने के निर्णय से पहले आम लोगों की राय लेनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने इस विधेयक को वापस लेने की भी मांग की.

भाषा


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