कौन बनेगा छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी, जंग जारी
उत्तर प्रदेश के विधानसभा और ओड़िशा के पंचायत चुनावों में कांग्रेस की करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी और पार्टी महासचिव बी.के. हरिप्रसाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
कौन बनेगा छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी (फाइल फोटो) |
उन्होंने भाजपा में जाने की अफवाहों को भी सिरे से खारिज कर दिया. हरिप्रसाद के इस्तीफे की खबर मिलते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल दिल्ली जा पहुंचे. दूसरी ओर, दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक के नामों की चर्चा भी सोशल मीडिया पर जोर पकड़ने लगी. वहीं कुछ लोग आशा सिंह को इस पद के लिए काबिल मान रहे हैं.
आशा सिंह अंबिकापुर राजघराने से संपर्क रखती हैं और दिग्विजय नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के करीबी बताए जाते हैं. ऐसे में देखना यह है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी कौन बनता है. कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी इन्हीं बातों पर मंथन कर रही है. उधर, इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर जंग जारी है.
मांडा के राजा दिग्विजय सिंह की छत्तीसगढ़ की सियासत में गहरी पैठ है. वह नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव के नजदीकी भी हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के तमाम नेता उनके साथ काम भी कर चुके हैं. ऐसे में लोग मान रहे हैं कि अपवादों को अगर छोड़ दिया जाए तो दिग्गी राजा का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है.
एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल को दिए गए साक्षात्कार में सिंहदेव ने माना कि दिग्विजय सिंह को छत्तीसगढ़ के सियासी मामलों की गहरी पकड़ है. उन्होंने फैसले का जिम्मा पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया.
मुकुल वासनिक भी प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रह चुके हैं. इनकी एक मात्र योग्यता यही है कि ये आरक्षित श्रेणी के बताए जा रहे हैं.
पंजाब में हुए चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत के आधार पर पार्टी में आशा सिंह का कद काफी ज्यादा बढ़ गया है. चर्चा है कि पार्टी आलाकमान उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रभार तोहफे में दे सकती है.
पार्टी को छत्तीसगढ़ के लिए ऐसा प्रभारी चाहिए जो इसको आने वाले विधानसभा चुनाव में सियासी संकट से उबार सके.
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