छत्तीसगढ़ : कांग्रेस का बलात्कार मामले को लेकर सदन में बहिर्गमन

Last Updated 09 Mar 2017 09:03:43 PM IST

विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस विधायक देवती कर्मा ने बस्तर संभाग में महिलाओं के साथ बलात्कार के दर्ज प्रकरणों तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा बस्तर की यौन पीड़ित महिलाओं को मुआवजा दिए जाने के निर्देश को लेकर सवाल किया था.


फाइल फोटो

जवाब में गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने बताया कि वर्ष 2014-15 और 2015-16 में बस्तर संभाग में महिलाओं के साथ बलात्कार के कुल 299 प्रकरण दर्ज किए गए. इनमें से अनुसूचित जाति के 17 और अनुसूचित जनजाति के 163 प्रकरण हैं.

पैकरा ने बताया कि अनुसूचित जाति के चार प्रकरण और अनुसूचित जनजाति के 34 प्रकरणों में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम लगाया गया है. उन्होंने बताया कि बलात्कार के कुल 288 प्रकरणों में गिरफ्तारी की गई है तथा 10 प्रकरणों में गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. जिसकी विवेचना और तलाश जारी है. एक प्रकरण में खात्मा भेजा गया है.

गृहमंत्री ने बताया कि 36 प्रकरणों में बलात्कार पीड़ित महिलाओं को करीब 38.71 लाख रूपए शासन के प्रावधान के अनुसार मुआवजा राहत राशि दी गई है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश के अनुसार वर्ष 2013 के एक प्रकरण में कोंडागांव जिले की पीड़िता को एक लाख रूपए मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है. अन्य तीन प्रकरणों में आयोग द्वारा राहत राशि प्रदाय करने के संबंध में जारी सूचना पत्र पर कार्यवाही जारी है.



मंत्री के जवाब के बाद विधायक देवती कर्मा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि इसमें बीजपुर जिले के बासागुड़ा थाना क्षेत्र में हुई घटना का उल्लेख नहीं है. तब मंत्री ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.

कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस के दल ने क्षेत्र का दौरा किया था तथा पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. सदस्यों ने कहा कि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है. गृह मंत्री ने कहा कि मामले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग कर रहा है. जांच में जो भी सामने आएगा उसकी जानकारी दी जाएगी.

कांग्रेस के सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ठ नहीं हुए और सदन से बहिर्गमन कर दिया.

भाषा


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