छत्तीसगढ़ में शराब की दुकान खोलने के विरोध पर महिलाओं से मारपीट
छत्तीसगढ़ सरकार की नई शराब बेचने की नीति ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा रखा है.
(फाइल फोटो) |
ममता के मुताबिक सरकार की नई नीति अभी लागू नहीं हुई है तो आखिर किस फंड से शराब दुकान का निर्माण कराया जा रहा है सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा ने खुद अपना वीडियो सोशल मीडिया में जारी कर सरकार और पुलिस पर सवाल उठाये हैं. ममता शर्मा का आरोप है की विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने ममता समेत कई महिलाओं के साथ मारपीट की है.
ममता शर्मा के शरीर पर कई जगहों पर गम्भीर चोट के निशान मौजूद है. ख़ास बात यह की हाल ही में ममता शर्मा ने हाई कोर्ट में सरकार के नई शराब बेचने की नीति को लेकर जनहित याचिका दायर की थी जिसमे हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए जवाब माँगा है. शराब दूकान के नवनिर्माण में हुए बवाल को देखते हुए दुर्ग पुलिस ने ममता शर्मा समेत 17 अन्य महिलाओं को गिरफ्तार कर महिला थाना दुर्ग में नजरबन्द कर रखा गया है.
मीडिया से भी ममता शर्मा को मिलने नहीं दिया जा रहा है. युवा कांग्रेस के शहर अध्यक्ष आकाश मजूनदार और दर्जनों युवा कांग्रेसियों की पुलिस से हलकी झुमा झटकी भी हुई है. तो वहीं पुलिस के कार्यप्रणाली पर कई गम्भीर सवाल खड़े हो गये हैं. घायल ममता समेत 17 महिलाओं का इलाज कराने के लिए पुलिस ने जिला अस्पताल से महिला थाना में पुरुष डॉक्टर से जांच कारवायी है. जबकी नियमतः महिला डॉक्टर का होना अनिवार्य है. ममता के पेट कमर और गले में चोट के निशान मौजूद है.
ममता शर्मा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने शासकीय सम्पति को नुक्सान पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओ के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है. जहां कई प्रदेश शराब बंद करने के विचार में लगे हुए हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ सरकार खुद शराब बेचने की नई नीति बनाने में लगी हुई है. एक तरफ पूरा प्रदेश की जनता शराब दूकान बंद कराने की कोशिश में है तो वहीं सरकार पुलिस की दम पर शराब बेचने की फिराक में है.
फिरहाल ममता शर्मा सहित 17 अन्य महिलाओ को कड़ी सुरक्षा में महिला थाना में बंद कर रखा गया है.
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