राज्यपाल के अभिभाषण के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ

Last Updated 27 Feb 2017 07:42:45 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही शुरू हो गया. विपक्ष के शराबबंदी की मांग के बीच राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब, किसान के लिए किए गए कामों को सदन के सामने रखा.


छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन (फाइल फोटो)

छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र का प्रारंभ राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के अभिभाषण से हुआ. टंडन ने जब अपना अभिभाषण शुरू किया तब राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य में किसानों को बोनस देने तथा शराबबंदी की मांग की. 
    
राज्यपाल ने कहा कि विगत तेरह वर्षों में राज्य के कुल धान उत्पादन में 39 प्रतिशत, गेहूं उत्पादन में 24 प्रतिशत, दलहन तथा तिलहन उत्पादन में 13 प्रतिशत, बीज उत्पादन में 21 गुना तथा बीज वितरण में 11 गुना वृद्घि हुई है. कृषि-सहायक कायरें का विकास भी प्राथमिकता के साथ किया गया है, जिसके कारण उद्यानिकी फसलों के क्षेत्रफल में 293 प्रतिशत तथा उत्पादन में 422 प्रतिशत की वृद्घि हुई है.
    
टंडन ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष भी आदर्श व पारदर्शी व्यवस्था करते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की, जिससे अब तक की सबसे अधिक संख्या में 13 लाख 27 हजार किसानों को लाभ हुआ, जिनसे लगभग 10 हजार 317 करोड़ रूपए का 69 लाख 58 हजार टन धान खरीदा गया है.
    
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कारण गांवों में स्वच्छता का आंदोलन छिड़ गया है, जिसके कारण राज्य में स्वच्छता का कवरेज, राज्य गठन के समय के पांच प्रतिशत से बढ़कर अब 75 प्रतिशत तक पहुंच गया है. अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख 50 हजार से अधिक व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए हैं. छह हजार 75 ग्राम पंचायतें और 10 हजार 720 गांव ओ.डी.एफ. हो चुके हैं. ग्रामीण मिशन के अन्तर्गत चार जिलों के 56 विकासखण्ड ओ.डी.एफ. होने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं.


    
सरकार ने आदिवासी अंचलों में तथा नक्सल हिंसा प्रभावित परिवारों के बच्चों का जीवन शिक्षा का जो संकल्प लिया है, उसके कारण मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना शुरू की गई और अब इसके अंतर्गत राज्य में सात प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं. यह गौरव का विषय है कि इन संस्थाओं के बच्चों ने अपनी प्रतिभा और शासन के प्रयासों की सार्थकता साबित की है तथा निरन्तर अधिक संख्या में आई.आई.टी., एन.आई.टी., इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पा रहे हैं.

भाषा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment