बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक कल्लूरी पुलिस मुख्यालय से सम्बद्ध
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के चर्चित पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है.
कल्लूरी (फाइल फोटो) |
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि राज्य शासन ने पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी को पुलिस मुख्यालय में सम्बद्ध किया है. कल्लूरी को फिलहाल कोई प्रभार नहीं दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि कल्लूरी ने लंबी छुट्टी की मांग की थी. इसके बाद राज्य शासन ने उन्हें अवकाश की अनुमति दे दी थी. लेकिन उन्होंने अवकाश पूरा नहीं करके राज्य के पुलिस महानिदेशक से अन्य स्थान पर पदास्थापना की इच्छा जताई थी, जिसके बाद उन्हें पुलिस मुख्यालय में सम्बद्ध किया गया है.
पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने वर्ष 2003 के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुंदरराज पी को बस्तर क्षेत्र का उप पुलिस महानिरीक्षक पदस्थ किया है. कल्लूरी के अवकाश को लेकर अटकलें तेज हुई तब वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कल्लूरी को इस महीने की एक तारीख से 90 दिनों के लिए अवकाश की स्वीकृति दी है. सरकार ने साफ किया कि अवकाश के दौरान कल्लूरी को वेतन, भत्ते पूर्व की तरह मिलते रहेंगे तथा यदि वह अवकाश पर नहीं जाते तब अपने पद पर कार्य करते रहेंगे.
कल्लूरी ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजा कि वह बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर आ गए हैं और उन्होंने पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय से आग्रह किया है कि उनकी (कल्लूरी की) पदस्थापना अन्य स्थान पर कर दी जाए. संदेश में कल्लूरी ने साफ किया है कि उन्होंने स्वेच्छा से ही बस्तर से अन्य जगह पर पदस्थापना का आग्रह किया है.
कल्लूरी ने इस संबंध में भाषा को बताया था कि वह स्वस्थ्य हैं और वह चाहते हैं कि उनकी पदस्थापना अन्य स्थान पर कर दी जाए. उन्होंने कहा कि राज्य शासन जहां भी उनकी पदस्थापना करेगा वहां वह अपना काम बेहतर तरीके से करेंगे. छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके के पुलिस महानिरीक्षक अपनी कार्यपण्राली के कारण हमेशा चर्चा में रहे हैं.
यह पहला मौका है जब राज्य के किसी पुलिस अधिकारी की छुट्टी और पदस्थापना ने मीडिया और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. पिछले लगभग तीन दशक से नक्सल समस्या का सामना कर रहे बस्तर क्षेत्र में कई नक्सली घटनाएं हुई और पुलिस पर भी आरोप लगे. जून वर्ष 2014 के बाद जब से कल्लूरी ने बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पद संभाला है तब से पुलिस लगातार विवादों में रही है.
कल्लूरी के आईजी बनने के बाद भारी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए, नक्सली घटनाओं में कमी भी आई. लेकिन इस दौरान पुलिस पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को परेशान करने, पत्रकारों को प्रताड़ित करने और सामाजिक कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में काम नहीं करने देने का आरोप लगा. इस दौरान पुलिस पर आदिवासियों पर अत्याचार करने का भी आरोप लगा, जिसके कारण राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को आड़े हाथों लिया.
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति की मंजूरी की स्थिति में अजहर की संपत्ति पर रोक लग गयी होती और पाकिस्तान समेत अन्य देशों में उसकी यात्रा पर प्रतिबंध लागू हो जाता. चीन संयुक्त राष्ट्र द्वारा अजहर को प्रतिबंधित किये जाने का लगातार प्रयास करता रहा है. जैश-ए-मोहम्मद पर वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा दिया था.
पिछले साल जनवरी में भारतीय वायुसेना अड्डे पर हमले के बाद भारत ने फरवरी में अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर एक पत्र लिखा था. चीन ने दिसंबर में अंतिम रूप से भारतीय प्रस्ताव को ब्लॉक करने से पहले दो बार इसे तकनीकी रूप से स्थगित किया.
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