आईपीएस कल्लूरी को मिली तीन महीने की छुट्टी, कांग्रेस ने जताई आशंका

Last Updated 03 Feb 2017 07:36:08 PM IST

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के चर्चित पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी को लंबी छुट्टी पर भेजने और बस्तर से हटाने की खबरों के बीच राज्य सरकार ने उन्हें तीन महीने की छुट्टी दे दी है.


आईपीएस कल्लूरी (फाइल फोटो)

राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे आईजी को चुनाव के दौरान बस्तर में तैनात करने की तैयारी बताया है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कल्लूरी को इस महीने की एक तारीख से 90 दिनों के लिए अवकाश की स्वीकृति दी है. सरकार ने साफ किया है कि अवकाश के दौरान कल्लूरी को वेतन, भत्ते पूर्व की तरह मिलते रहेंगे तथा यदि वह अवकाश पर नहीं जाते तब अपने पद पर कार्य करते रहते.

इस आदेश से राज्य सरकार ने उन अटकलों को विराम देने की कोशिश की है जिसमें कहा जा रहा था कि दबाव के कारण कल्लूरी को उसके पद से हटा दिया गया है. राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही वर्ष 2003 के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुंदरराज पी को बस्तर क्षेत्र का उप पुलिस महानिरीक्षक पदस्थ किया है. इसके बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि अपनी कार्यपण्राली से चर्चित रहे आईजी कल्लूरी को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है या उन्हें बस्तर से हटाने की तैयारी की जा रही है.

हालांकि शुक्रवार को ही कल्लूरी ने सोशल मीडिया में एक बयान जारी कर कहा है कि उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर नहीं भेजा जा रहा है बल्कि उन्होंने खुद ही छुट्टी के लिए आवेदन दिया है.



यह पहला मौका है जब राज्य के किसी पुलिस अधिकारी की छुट्टी और पदस्थापना ने मीडिया और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. पिछले लगभग तीन दशक से नक्सल समस्या का सामना कर रहे बस्तर क्षेत्र में कई नक्सली घटनाएं हुई और पुलिस पर भी आरोप लगे. जून वर्ष 2014 के बाद जब से कल्लूरी ने बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पद सम्हाला है तब से पुलिस लगातार विवादों में रही है.

कल्लूरी के आईजी बनने के बाद भारी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए, नक्सली घटनाओं में कमी भी आई. लेकिन इस दौरान पुलिस पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को परेशान करने, पत्रकारों को प्रताड़ित करने और सामाजिक कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में काम नहीं करने देने का आरोप लगा.

इस दौरान पुलिस पर आदिवासियों पर अत्याचार करने का भी आरोप लगा, जिसके कारण राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को आड़े हाथों लिया. लगातार विवादों में रहने के कारण आईजी कल्लूरी सामाजिक कार्यकर्ताओं और राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गए और उनके खिलाफ लगातार शिकायतें होती रही. अब उनकी छुट्टी को लेकर भी कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आईजी एसआरपी कल्लूरी को बस्तर से हटाए जाने का स्वागत किया है और कहा है कि उनके रहने से पूरे बस्तर में भय का माहौल था और राज्य की छवि देश-दुनिया में खराब हो रही थी. 

साथ ही उन्होंने आशंका जताई है कि कल्लूरी को इस समय छुट्टी पर भेजा जाना रमन सरकार का षडयंत्र भी हो सकता है ताकि चुनाव के समय उन्हें दोबारा बस्तर में पदस्थ किया जा सके.

भाषा


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