छत्तीसगढ़ में स्वयं-भू जालेश्वर महादेव शिवलिंग हई चोरी
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्वयं-भू जालेश्वर महादेव शिवलिंग को बीती रात किसी अज्ञात लोगों के द्वारा चोरी के बाद पूरे जिले में हलचल मच गई.
(फाइल फोटो) |
जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर डोंगरिया के जालेश्वर महादेव धाम के स्वयंभू शिवलिंग सोमवार की रात चोरी हो गई. मंगलवार अलसुबह दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं ने जब शिवलिंग नहीं देखा तो पुजारी, मंदिर ट्रस्ट, पुलिस को इसकी सूचना दी। यह खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और सुबह 10 बजे तक हजारों श्रद्धालु जुट गए.
लोगों ने कवर्धा-बिलासपुर रोड को पांडातराई में जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की. प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उग्र भीड़ को काबू करने की कोशिश की जिससे नाराज लोगों ने प्रशासन के गाड़ियों पर शीशे भी तोड़ दिए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पांडातराई थानांतर्गत डोंगरिया में स्वयं-भू जालेश्वर महादेव शिवलिंग स्थापित है और प्रतिवर्ष मांघ पूर्णिमा में यहां भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है.
सोमवार और मंगलवार की देर रात को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा शिवलिंग को काटकर चोरी कर लिया गया. जब सुबह लगभग 6 बजे पुजारी संत अमरपुरी के साथ मौजूद ग्रामीण जब पूजा-पाठ के लिए जालेश्वर महादेव के पास पहुंचे तब उन्हें शिवलिंग की चोरी का पता चला.
इस बात की खबर मिलते ही लोग आक्रोशित हो गये और कवर्धा-बिलासपुर मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान पथराव भी शुरू हो गया.
पुलिस के भारी बल मौका स्थल पर पहुंचा जहां एसपी डी रविशंकर के द्वारा समझाया गया लेकिन भींड़ समझने के लिए तैयार ही नहीं थी. कुछ लोगों के द्वारा प्रशासन व पुलिस की गाड़ियों पर पत्थरबाजी भी शुरू कर दी जिससे कुछ गाड़ियों को क्षति भी पहुंची है. लगभग 6 घंटे बाद ही पुलिस के द्वारा हल्का बल प्रयोग करने के बाद ही तीतर-बीतर किया जा सका और जैसे-तैसे स्थिति पर काबू पाया गया.
शिवलिंग की चोरी होने के बाद उपस्थित भींड़ पुजारी संत अमरपुरी महाराज के ऊपर इल्जाम लगाते हुए पुजारी को भींड़ के सामने लाने के लिए मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे.
पुजारी को पुलिस ने अपनी कस्टडी में लेकर रणनीति के तहत बेहद गोपनीय ढंग से वहां से सुरक्षित भेज दिया है
इससे पहले भी जिले में भोरमदेव मंदिर में 10वीं-11वीं शताब्दी स्थित नटराज की मूर्ति की भी चोरी हो चुकी है जिसका आज तक पता नहीं चल पाया है.
जैसे ही स्थिति गंभीर होती गई. वैसे ही शासन-प्रशासन बेहद चैकन्नी हो गई और इसकी जानकारी मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक को दिया गया. तत्पश्चात स्थिति को संभालने के लिए आई.जी. जे.पी. सिंह और राजनांदगांव एएसपी शशिमोहन सिंह के साथ ही एएसपी राजेश अग्रवाल के अलावा बेमेतरा, मुंगेली व रायपुर के पुलिस अधिकारियों को तुरंत ही पांडातराई भेजा गया.
इसके बाद से पांडातराई थाना क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दिया गया.
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