महिलाओं को हिंसा से बचाने में समाज भी करे सहयोग- रमन
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने महिलाओं को हिंसा से बचाने समाज को भी कानून एवं सरकार को सहयोग देने का आहवान किया है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह (फाइल फोटो) |
डॉ.सिंह ने आकाशवाणी से अपने मासिक प्रसारण ’रमन के गोठ’ की छठवीं कड़ी में प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि मैं अपने प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों से जुड़े एक बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर आज चर्चा करना चाहता हूं. हमारे देश की बेटी ’निर्भया’ के साथ दुर्भाग्य से जो घटना हुई, उससे हम सभी चिंतित हैं..
उन्होने कहा कि पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए कानून में जितना हो सकता था, सख्ती और कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए सरकार और कानून के साथ-साथ समाज को भी अपनी भागीदारी निभानी होगी.
उन्होने पिछले जुलाई माह से राजधानी रायपुर में शुरू हो रहे देश के पहले ’सखी-वन स्टाप सेंटर’ का जिक्र करते हुए महिलाओं को बताया कि पीड़ित महिलाओं को सखी-वन स्टाप सेंटर में एक ही स्थान पर सभी प्रकार की सुविधाएं जैसे-चिकित्सा, कानूनी सहायता, पुलिस सहायता और परामर्श आदि के साथ अस्थायी रूप से पांच दिनों तक आवासीय सुविधा भी दी जाती है.
डॉ.सिंह ने कहा कि घरेलू हिंसा, बलात्कार, दहेज उत्पीड़न, एसिड अटैक, टोनही प्रताड़ना, कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न, अवैध मानव व्यवहार, बाल विवाह, भ्रूण हत्या, सती प्रथा, धोखाधड़ी, छेड़छाड़, गलत टेलीफोन नम्बरों से परेशानी, पेंशन संबंधी समस्या, सम्पत्ति विवाद, दैहिक शोषण आदि रूप में जो भी ¨हसा समाज में व्याप्त है, ऐसे सभी प्रकरणों में पीड़ित महिलाओं को एकीकृत सेवाएं सखी-वन स्टाप सेंटर में दी जाती हैं.
मुख्यमंत्री ने अपने रेडियो प्रसारण को सुन रहे सभी समाज सेवी संगठनों, महिला संगठनों, जनप्रतिनिधियों, सरपंचों और मीडिया से भी शासन की इस पहल का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने और पीड़ितों को इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित करने का आव्हान किया.
उन्होंने राज्य के युवाओं से प्रदेश सरकार की कौशल उन्नयन योजनाओं के साथ जुड़ने और रोजगार मांगने वाले के रूप में नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले की भूमिका में आने का भी आव्हान किया. डॉ.सिंह ने माघ पूर्णिमा के अवसर पर 22 फरवरी से शुरू हो रहे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध राजिम कुंभ में शामिल होने के लिए प्रदेशवासियों को पवरा चांऊर (पीले चावल) के साथ न्यौता दिया.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी 21फरवरी होने वाली छत्तीसगढ़ यात्रा की भी जानकारी’ दी और सभी लोगों को राजनांदगांव जिले के कुरूभाट में प्रधानमंत्री के हाथों ’श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन योजना’ के शुभारंभ समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया.
स्कूलों में 23 फरवरी से बोर्ड की परीक्षाओं का जिक्र करते हुए डा.सिंह ने कहा कि दसवीं-बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं में प्राप्त सफलता बच्चों के सुनहरे भविष्य को तय करती है. आज से ठीक एक सप्ताह बाद परीक्षाएं शुरू हो चुकी होंगी.
स्वभाविक हैं आप इसकी तैयारी में पूरे परिश्रम और मनोयोग से लगे होंगे. मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप और आपका पूरा परिवार इस परीक्षा में आपके साथ जुड़ा हुआ है, तो आप उन सबके लिए भी और अपने लिए भी उतनी मेहनत करें, ताकि परिवार का सम्मान आप बढ़ा सकें, लेकिन इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि हम सबको परीक्षा में बहुत अच्छे नम्बर मिले.
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