छत्तीसगढ़ : ट्रेनिंग के नाम पर मानव तस्करी का आरोप, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थापित लाइवलीहुड केंद्र में प्रशिक्षण के बाद ट्रेनिंग के नाम पर मानव तस्करी के आरोप सामने आने पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
(फाइल फोटो) |
केंद्र से 15 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था, लेकिन अब इनमें से नौ छात्राओं समेत 10 लापता हैं. वापस आए पांच छात्र-छात्राओं ने जो आपबीती सुनाई, उससे अधिकारियों के होश उड़ गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि एक गैरसरकारी संगठन ने 26 दिसंबर, 2015 को केंद्र के 15 आदिवासी युवक-युवतियों को बेंगलुरू की एक कंपनी में काम करने के लिए बेंगलुरू भेजा था, लेकिन कंपनी इन्हें प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर चेन्नई ले गई.
वापस लौटी छात्राओं के मुताबिक वहां उन्हें व्हाइट हाउस नामक कपड़े सिलाई करने वाली एक कंपनी में काम कराया गया. वहां सभी को सुबह से शाम तक काम कराया जाता था. उन्हें बेहद निम्न स्तर का और अपर्याप्त नाश्ता-खाना दिया जा रहा था. छात्राओं ने बताया कि सुपरवाइजर के वहां से हटते ही वे वहां से छिप कर हॉस्टल पहुंची और लाइवलीहुड कॉलेज से संपर्क किया. इसी संपर्क के बाद ही वे दंतेवाड़ा पहुंच सकीं.
हालांकि अब तक कुल पांच छात्र-छात्राएं ही दंतेवाड़ा पहुंचे हैं. गायब छात्र-छात्राओं के बारे में गैरसरकारी संगठन पर मानव तस्करी के आरोप लग रहे हैं. इनके बारे में प्रशासन और संगठन दोनों ही कोई जानकारी नहीं दे रहे.
गायब आदिवासी छात्र-छात्राओं के मामले में कलेक्टर केसी देवसेनापति ने कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगार आदिवासी युवक-युवतियों को रोजगार योज्ञ बनाने और कौशल विकास के लिए प्रदेश के कई जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज शुरू किए हैं. इन केंद्रों का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार कर चुके हैं.
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