माओवाद के सफाए के लिए अब सरकार की नई रणनीति
छत्तीसगढ़ में माओवाद के सफाए के लिए अब सरकार ने नई रणनीति बनाई है.
(फाइल फोटो) |
बस्तर में माओवादियों के कोर एरिया सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और एंटी नक्सल ऑपरेशन के आला अधिकारियों ने वर्ष 2016 के लिए पांच सूत्रीय रोडमैप तैयार किया है. इसमें स्थानीय लोगों की सुरक्षा, संतुलित विकास और बहुआयामी उपाय किए जा रहे हैं.
इसके साथ ही माओवादियों के कोर एरिया में बड़े ऑपरेशन चलाए जाएंगे. जनवरी में फोर्स ने माओवादियों के सबसे ज्यादा प्रभाव वाले क्षेत्र में घुसकर 23 नक्सलियों को मार गिराया.
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार, माओवादियों के परंपरागत प्रभाव वाले क्षेत्र में आईबी, एसआईबी और अर्धसैनिक बलों के इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर ज्वाइंट ऑपरेशन किया जाएगा. अब तक पुलिस, डीआरजी, एसटीएफ, अर्धसैनिक बलों के अलग-अलग ऑपरेशन चल रहा था. अब माओवादियों के जमावड़े की सूचना पर बड़े ऑपरेशन में सभी फोर्स मिलकर अटैक करेंगी. इसके लिए जिलों के एसपी, बीएसएफ और सीआरपीएफ के डीआईजी के स्तर के अधिकारी पूरी प्लानिंग करेंगे, फिर ज्वाइंट आपरेशन चलाया जाएगा.
एंटी नक्सल ऑपरेशन के आला अधिकारियों ने बताया कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में पुलिस, अर्धसैनिक बलों के नए कैंप खोले जाएंगे. इन कैंपों को खोलने के बाद आसपास के इलाकों में मूवमेंट को बढ़ाया जाएगा और नक्सलियों के गांव में रात गुजारने और रुकने के रास्तों को बंद करने की तैयारी है.
अंदरूनी इलाकों में सड़क, मोबाइल टावर, राशन दुकान, एटीएम और अन्य सुविधाएं 2016 के आखिरी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए केंद्र सरकार से राशि स्वीकृत हो गई है. गांव के लोगों में जवानों के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा.
पिछले दिनों बीजापुर और सुकमा में सर्चिंग के दौरान जवानों पर ग्रामीण महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था. इसे रोकने के लिए सर्चिंग अभियान के दिनों की संख्या कम की जा रही है. अब एक टीम एक सप्ताह सर्चिंग अभियान करेगी. जवानों को अलग-अलग इलाकों में सर्चिंग के लिए भेजा जाएगा.
स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने नक्सल अभियान की कमान संभालने के बाद पिछले एक सप्ताह में बस्तर का तीन बाद दौरा किया. इस दौरान उन्होंने सुकमा, दंतेवाड़ा और कोयलीबेड़ा का दौरा किया.
Tweet |