नहाड़ी मुठभेड़ को ग्रामीणों ने बताया फर्जी, पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के नहाड़ी में 29 जुलाई को हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को ग्रामीणों ने फर्जी बताते हुए पुलिस पर ग्रामीण की हत्या का आरोप लगाया है.
(फाइल फोटो) |
29 जुलाई को हुई मुठभेड़ में पुलिस ने पोदिया हेमला को मारा था और मुठभेड़ के दौरान 2 भरमार समेत अनेक सामग्री बरामद की गई थी.
सूत्रों के अनुसार नहाड़ी ग्राम के मुंडी पारा में हजारों की तादाद में ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर पुलिस की करतूत का विरोध किया.
आम आदमी पार्टी नेता सोनी सोढ़ी भी वहां मौजूद थी और मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए इसका विरोध करने की बात कही. लेकिन घटना स्थल पहुंचने पर एक बात साफ निकल कर सामने आई कि घटनास्थल के पास नक्सलियों के सीएनएम दल अपने साजो सामान के साथ मौजूद रहने की पुष्टि ग्रामीणों द्वारा की जा रही है और इन्हीं सीएनएम दलों से बचने के प्रयास में पोदिया हेमला था तभी जवानों द्वारा गोली मार देने की बात ग्रामीणों के द्वारा बताई जा रही है.
ग्रामीणों ने बताया कि पोदिया हेमला को पूर्व नक्सली कमांडर और वर्तमान में समर्पित पुलिस आरक्षक द्वारा उसे नक्सली संगठन में ले जाकर भर्ती करवाया गया था. जब पूर्व कमांडर ने सर्मपण किया तो पोदिया हेमला ने भी माओवादी संगठन छोड़ कर खेती किसानी का कार्य कर रहा था.
मृतक पूर्व में नक्सली संगठन से जुड़ा था लेकिन विगत 3 वर्षों से संगठन से अपने को अलग कर लिया था और परिवार के साथ नहाड़ी मुण्डीपारा में जीवन यापन कर रहा था.
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मृतक नक्सलियों के सीएनएम दलों को देखकर अपने आप को उनसे अलग रखने के लिए वहां से भाग रहा था जहां पुलिस ने गोली से उसकी हत्या कर दी. घटना के बाद पुलिस पार्टी द्वारा महिलाओं समेत बच्चों पर जमकर लाठियां चलाई जिसमें 40 से अधिक ग्रामीणों को चोटें आई है जिनके निशान आज तक नहीं मिटे हैं.
वहीं पुलिस ने नहाड़ी ग्राम के 65 वर्ष की बुजुर्ग महिला को भी जमकर पीटा जो अब खाट से उठ नहीं पा रही है. ग्रामीणों ने गोण्डेरास में भी पुलिस पर बर्बरता पूर्वक ग्रामीणों को पीटने का आरोप लगाया है.
लामबंद हुए ग्रामीणों ने पुलिस विभाग में आत्मसर्मपित नक्सलियों को नौकरी देने का विरोध किया. वहीं नक्सली संगठन छोड़ मुख्यधारा में लौटे बदरू, किरण, हुर्रा और बामन पर ग्रामीणों को जबरन नक्सली बता कर मारपीट और हत्या करने का आरोप लगाया है.
दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप का इस संबंध में कहना है कि नहाड़ी ग्राम के मुंडीपारा में नक्सलियों द्वारा बैठक आयोजित की गई थी जिसमें ग्रामीण शामिल थे. नहाड़ी मुठभेड़ सत्य है, क्योंकि मुठभेड़ के बाद घटना स्थल पर सामान भी बरामद किया गया है.
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