मोदी ने पहला साल काम की बजाय भाषणों में गंवाया: जोगी

Last Updated 25 May 2015 01:02:34 PM IST

कांग्रेस कार्यसमिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावों के दौरान लोगों में जगाई उम्मीदों और आशाओं को पूरा करने की बजाय एक वर्ष विदेश यात्राओं और वहां लच्छेदार भाषणों में गंवा दिया.


अजीत जोगी (फाइल फोटो)
जोगी ने मोदी सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर कहा कि मोदी ने चुनावों के दौरान जनता से बड़े बड़े वादे किए थे और उनमें तमाम आशा और उम्मीदों को जागृत किया था. उन्होंने विदेशों में काला धन 100 दिन में लाने का वादा किया था और इसके आने पर 15 -15 लाख रूपए हर व्यक्ति के खाते में पहुंचने की बात की थी, लेकिन एक वर्ष में लोगों को पता चल गया कि वह ठगे जा चुके हैं.
 
उन्होंने कहा कि काला धन लाने और 15 लाख पहुंचने को अब भाजपाई चुनावी जुमला बता रहे हैं. दरअसल बगैर जानकारी और सोचे समझे लोगों को मोदी ने मूर्ख बनाने का काम किया. उन्होंने कहा कि महंगाई के कम होने के सरकारी आकंड़े लोगों को उत्तेजित और आक्रोशित कर रहे हैं. दाल, तेल जैसी अन्य सभी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही है ओर वित्त मंत्री अरूण जेटली की नजर में इनकी कीमतें बढ़ना महंगाई नहीं है. 
 
मोदी की हाल की चीन यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह चीन में वहां के नेताओं के साथ गलबहियां कर रहे थे तो चीन द्वारा वहां जारी भारत के नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और पाक अधिकृत कश्मीर का क्षेत्रा गायब था. उन्होंने कहा कि मोदी को अपनी छवि चमकाने समय इतिहास का भी ध्यान रखना चाहिए कि चीन ने 1962 में किस तरह पीठ में छूरा भोपा था.
 
उन्होंने कहा कि चुनावी भाषणों में 56 इंच का सीना बताने मोदी को बताना चाहिए कि उनके कार्यकाल में सीमा पर 780 से भी अधिक बार युद्दविराम का उल्लघंन कैसे हुआ. उन्होंने कहा कि मोदी को लगता है कि विदेश नीति को लटके झटकों से चलाया जा सकता है, यह उनकी नासमझी ही है. दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है, वह केवल किसी देश में जाकर वहां के परिधान पहनने और वहां भारतीय समाज की सभाओं में लच्छेदार भाषणों से प्रभावित नहीं होती.   
 
जोगी ने कहा कि किसी सरकार के लिए पहला वर्ष काफी अहम होता है. पहले ही वर्ष में मोदी घरेलू समस्याओं को हल करने की प्रभावी पहल कर सकते थे, वह जनमत के बूते पर आर्थिक सुधारों के लिए कड़े कदम उठा सकते थे पर उन्होने विदेशों से अरबों करोड़ों के एमओयू करने में ही रूचि दिखाई भले ही एक पैसा देश में नहीं आया.
 
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने की बड़ी बड़ी बातें करने वाले मोदी ने राष्ट्रीय सूचना आयुक्त, केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त जैसे अहम पदों को खाली रखकर अपना असली चेहरा दिखा दिया. उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में आम आदमी को भ्रष्टाचार से कोई राहत नहीं मिली बल्कि उसका और शोषण बढ़ा है. छत्तीसगढ़ समेत भाजपा शासित राज्यों में बहुत बुरा हाल है.  
 
जोगी ने कहा कि मोदी का एक वर्ष में जितना तेजी से ग्राफ गिरा इतना किसी प्रधानमंत्री का नहीं गिरा. दिल्ली में उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा तो बिहार में उन्हें फिर जवाब मिलने वाला है. उन्होंने कहा कि जनतादल (यू) और राष्ट्रीय जनतादल का विलय हो या नहीं महागठबंधन होने पर भी भाजपा को औकात का पता चल जायेगा. 
 



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