छत्तीसगढ़: दो ईनामी नक्सलियों का आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में दो ईनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
(फाइल फोटो) |
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि मिलिट्री कंपनी नंबर दो के प्लाटून नंबर एक कमांडर मीडियम बदरू (22 वर्ष) और जगरगुंडा एरिया कमेटी के अंतर्गत बासागुडा लोकल आपरेशन स्वाक्ड (एलओएस) का डिप्टी कमांडर मड़कम दुला उर्फ नरेश (30 वर्ष) ने गुरुवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.
कल्लूरी ने बताया कि राज्य शासन ने मिडियम बदरू पर आठ लाख रूपए और मड़कम दुला पर तीन लाख रूपए का ईनाम घोषित किया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सली मिडियम 2001 में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था तथा माओवादी संगठन में विभिन्न पदों पर कार्य किया है. इसने शीर्ष नक्सली नेताओं रमन्ना, पापाराव, गणेश उइके, अर्जुन, व्यंकटेश, हिड़मा, बसंत और मधु के साथ काम किया है.
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि मिडियम 2007 में हुए रानीबोदली हमला, जिसमें 55 जवान शहीद हुए थे और 45 हथियार लूटे गए थे. 2008 में बीजापुर के मोदकपाल में हुए नक्सली हमला, जिसमें 14 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे और 2009 में सुकमा जिले के चिंतागुफा में हुए नक्सली हमला, जिसमें सीआरपीएफ के 10 जवान शहीए हुए थे समेत अन्य घटनाओं में शामिल रहा है.
उन्होंने बताया कि नक्सली मड़कम दुला 2001 में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. वह संगठन में कई पदों पर रहा और उसने नक्सली नेताओं पापाराव, जगदीश, अर्जुन और हिड़मा के साथ काम किया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुला दिसंबर 2007 में ताड़मेटला नक्सली हमला जिसमें 12 जवान शहीद हुए थे समेत अन्य घटनाओं में शामिल रहा है.
कल्लूरी ने बताया कि माओवादियों ने राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला किया है.
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