छत्तीसगढ़ के नसबंदी मामले में कांग्रेस ने की प्रदेश सरकार बर्खास्त करने की मांग
राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ में नसबंदी ऑपरेशन के बाद उत्पन्न जटिलता से कई महिलाओं की जान जाने का मामला उठाया.
(फाइल फोटो) |
इस दौरान उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार को दोषी ठहराते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की.
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक ही डॉक्टर ने एक दिन में एक कमरे के भीतर जमीन पर लिटाकर 83 महिलाओं का ऑपरेशन किया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन करने वाला यह वही डॉक्टर था जिसे राज्य के मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी को प्रशस्ति पत्र दिया था.
उन्होंने कहा कि नियमों के तहत एक डॉक्टर एक दिन में 10 से अधिक आपरेशन नहीं कर सकता लेकिन उस डॉक्टर ने एक दिन में 83 ऑपरेशन किए. यही नहीं, ऑपरेशन के उपकरणों को संक्रमणमुक्त भी नहीं किया गया.
तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जो दवाइयां दी गयीं, वे उस कंपनी की थीं जिसे पहले ही काली सूची में डाला गया था. उन्होंने कहा कि एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आयी है कि उन महिलाओं को दर्दनिवारक दवाओं की जगह चूहा मारने वाली दवाई दी गयी जो इंसानियत को शर्मसार करने वाली बात है.
कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा कि यह केवल चिकित्सकीय लापरवाही का मामला नहीं है बल्कि इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से दोषी है. उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग की.
कांग्रेस की ही मोहसिना किदवई ने कहा कि इस मामले में जिन महिलाओं का ऑपरेशन किया गया उनमें से अधिकतर आदिवासी हैं. इनमें से कई ऐसी आदिवासी महिलाएं हैं जिनकी प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं और उनका नसबंदी का ऑपरेशन किया जाना कानून में निषिद्ध है.
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह से मामले में कड़ी कार्रवाई करने को कहा था.
उन्होंने कहा कि लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक वहां के स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त नहीं किया है. उन्होंने मांग की कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए.
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