हाईकोर्ट ने सरकार को प्रतिबंधित दवाओं को वापस मंगाने का निर्देश दिया

Last Updated 25 Nov 2014 05:15:43 PM IST

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने नसबंदी मामले में प्रतिबंधित दवाइयों को वापस मंगाने का निर्देश दिया है.


(फाइल फोटो)

अधिवक्ता सतीश वर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने बिलासपुर के नसबंदी मामले पर संज्ञान लेते हुए और इसी मामले में दायर की गई एक हस्तक्षेप याचिका पर सोमवार को सुनवाई की.

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि सरकार ऐसे लोगों को चिन्हित करे जिन्होंने प्रतिबंधित दवाओं का पहले या बाद में, कभी सेवन किया है.  

कोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसे प्रभावित लोगों की सम्पूर्ण और नियमित जांच कराने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि गांव-गांव में जहां कहीं भी प्रतिबंधित दवाओं का वितरण किया गया है वहां से इन दवाइयों को तत्काल वापस मंगाया जाए.

कोर्ट ने राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण को भी निर्देश दिया है कि गांवों में शिविर लगाकर और दूसरे प्रचार-प्रसार माध्यमों से आमजनों में जागरूकता फैलाई जाए ताकि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें. 

नसबंदी मामले में कांग्रेस नेता मणिशंकर पाण्डेय द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका के संदर्भ में अधिवक्ता वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा दी गई समय सीमा में नसबंदी मामले में अंतरिम रूप से जवाब प्रस्तुत किया है.

राज्य सरकार ने विस्तृत जवाब के लिए समय मांग लिया है. इसी तरह केंद्र सरकार ने भी जवाब के लिए समय की मांग की है जबकि एम सी आई ने कहा है कि उनकी आचरण समिति बिलासपुर पहुंचकर मामले की जांच-पड़ताल करेगी. 

अधिवक्ता वर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट में जस्टिस टी पी शर्मा और जस्टिस इन्दर सिंह ओबेवेजा की पीठ ने मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार को निर्देश दिया कि प्राथमिक तौर पर सरकार ऐसे लोगों को चिन्हित करे जिन्होंने जाने-अनजाने प्रतिबंधित दवाओं का पहले या बाद में, कभी सेवन कर लिया है.

कोर्ट ने ऐसे लोगों की सम्पूर्ण और नियमित जांच के लिए भी सरकार को निर्देश दिया है. युगल पीठ ने यह भी कहा है कि जिस किसी भी गांव में, जहां कहीं भी प्रतिबंधित दवाओं का वितरण किया गया है वहां से उन्हें वापस मंगा लिया जाए. मामले में अगली सुनवाई आगामी 22 दिसंबर को होगी.



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