एनटीसीए ने दी छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व बनाने की अनुमति
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ में गुरू घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाने की अनुमति दे दी है.
टाइगर रिजर्व बनाने की अनुमति (फाइल फोटो) |
अधिकारियों ने बताया कि एनटीसीए ने इस संबंध में राज्य प्रशासन से एक अंतिम प्रस्ताव मांगा है.
2011 में तत्कालीन पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयराम रमेश ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने संबंधी प्रस्ताव दिया था.
राष्ट्रीय उद्यान दो महत्वपूर्ण टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ (मध्यप्रदेश) और पलामू (झारखंड) के बीच स्थित है और मध्यप्रदेश का संजय दुबरी टाइगर रिजर्व भी इसके पास ही है. यह राष्ट्रीय उद्यान राज्य की राजधानी से 450 किमी दूर है. 2010 में भारतीय वन्य जीव संस्थान ने इसका सर्वे किया था.
रमेश ने कहा था कि हालांकि यहां शिकार किए जाने वाले प्राणी कम ही हैं लेकिन यह पूरा इलाका विविधता भरा है. प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा के चलते यह इलाका बाघों की आबादी की अनुकूल है.
राज्य सरकार को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था ‘इससे बाघों के संरक्षण के लिए मध्य भारत में यह विशाल परिदृश्य सुनिश्चित होगा.’
उन्होंने राज्य सरकार से इस बारे में प्रस्ताव मांगा था.एनटीसीए द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अब टाइगर रिजर्व बनाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर अनुमति दे दी गई है और छत्तीसगढ़ सरकार से अंतिम प्रस्ताव मांगा गया है. इस पत्र की प्रति राज्य के कोरिया जिले के वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे को आरटीआई के जरिये पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में मिली.
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