नसबंदी मामला: महावर पिता-पुत्र 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में

Last Updated 20 Nov 2014 02:00:06 PM IST

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नसबंदी मामले में गिरफ्तार दवा विक्रेता और उसके बेटे को अदालत ने दो दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.


(फाइल फोटो)

रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विवेक तिवारी की अदालत ने बुधवार को महावर फार्मा प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रमेश महावर और उसके बेटे सुमीत महावर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

अधिकारियों ने बताया कि महावर पिता पुत्र को पांच दिनों की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को अदालत में पेश किया था. बाद में अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. दोनों को अब दो दिसंबर को पेश किया जाएगा.

इस महीने की 13 तारीख को रमेश और सुमीत को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. महावर पर आरोप है कि उनकी कंपनी ने संदिग्ध गुणवत्ता वाली दवाइयां तैयार कीं जिसके कारण बिलासपुर में महिलाएं बीमार हुईं.

अधिकारियों के मुताबिक बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद महिलाओं को महावार कंपनी में बनी दवा सिप्रोसिन 500 दी गई थी. दवा खाने के बाद महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में 13 महिलाओं ने दम तोड़ दिया.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर महावर फार्मा की कई दवाइयां और दस्तावेज बरामद किये. वहीं राज्य शासन ने महावर कंपनी की दवाइयों के सेवन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में इस महीने की आठ और 10 तारीख को हुए नसबंदी शिविर के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई. घटना के बाद राज्य में दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया तथा दो को निलंबित किया गया है. वहीं मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए है. पुलिस ने इस मामले में महावर फार्मा के मालिक और उसके बेटे को और नसबंदी करने वाले डॉक्टर को गिरफ्तार किया है.



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