छत्तीसगढ़: बस्तर में मिलीं 15 सौ वर्ष पुरानी ईंटें

Last Updated 29 Oct 2014 04:08:53 PM IST

छत्तीसगढ़ के बस्तर में खुदाई के दौरान नलयुगीन 15 सौ वर्ष पुरानी ईंटें मिली हैं.


(फाइल फोटो)

बस्तर संभाग मुख्यालय के बकावंड के अंतर्गत ग्राम कोसमी के लिगोगुडा पारा के निकट नलयुगीन 15 सौ वर्ष पुरानी ईंटें खुदाई में मिली हैं.

इस स्थान के आसपास के ग्रामीण हजारों की सख्या में ईंटों को खोद कर ढेर कर रहे हैं और सीमेंट की ईंटों से शिव मंदिर के चौहदी का निर्माण कर रहे हैं. पूर्व में इस स्थान पर शिवमंदिर के भगवेश मिले थे. साथ ही भग अवस्था में शिवलिंग भी प्राप्त हुआ था. संभवत: इसी कारण कोसमी के समीप दस पारा को लिगोंगुडा पड़ा है.

खुदाई से प्राप्त ईंटों की मोटाई तीन इंच, लम्बाई 4 इंच और चौड़ाई 7.5 इंच है. इस प्रकार की ईंट पूर्व में खम्हारगांव और कुम्हली और मारकेल के वनक्षेत्र में भी प्राप्त हुई थी लेकिन ग्रामीण अंधविश्वास से ग्रसित होकर खुदाई से प्राप्त प्राचीन ईटों का उपयोग मंदिर निर्माण में नहीं कर रहे हैं.

बस्तर संस्कृति के विशेषज्ञ रूद्र नारायण पानीग्राही के अनुसार यह ईंट दूसरी से 6वीं सदी के मध्य निर्मित हुई हैं तब बस्तर में नलवंशीय राजाओं का शासन था.

बस्तर राज्य का विस्तार कोरापुट से लेकर कालाहाडी तक था.

दुखद विषय यह है बस्तर में भारत सरकार के अलावा राज्य सरकार का भी पुरातत्व विभाग कार्यरत है लेकिन माह भर से अधिक समय से हो रही खुदाई के बाद भी विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है.



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