छत्तीसगढ़: विद्यार्थियों पर दबाव बनाते हैं नक्सली

Last Updated 28 Oct 2014 04:13:43 PM IST

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित ठेठ आदिवासी बहुल इलाकों में संगठन विस्तार के लिए नक्सली विद्यार्थियों पर उनके साथ जुड़ने का दबाव बनाते हैं.


(फाइल फोटो)

इसके लिए नक्सली संवेदनशील इलाकों में संचालित सरकारी आश्रम और छात्रावासों में विद्यार्थियों से संपर्क करते हैं.

यह खुलासा आत्मसमर्पित नक्सली सुखराम कावडे ने किया है. माड इलाके में नक्सलियों के कथित उत्तर बस्तर डिवीजन में जनमिलिशिया कमांडर रह चुका 22 वर्षीय सुखराम नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक के एक सरकारी छात्रावास में निवासरत रहते पढ़ाई कर रहा था. विद्यार्थी रहते ही सुखराम 2006 में नक्सलियों के संपर्क में आया था.

इस आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली ने बताया कि छात्रावास में रहते वह संगठन में शामिल हुआ था. पुलिस बल की गतिविधियों की जानकारी देने के साथ नक्सलियों के निर्देशानुसार वह सड़क खोदने और जवानों को जख्मी करने के लिए लोहे की सरिया गाड़ने जैसा काम किया करता था.

सुखराम के अनुसार उसके साथ कुछ और भी छात्र थे. उन्हें भी दबाव डालकर नक्सली संगठन में शामिल कराया गया था. उसका कहना है कि समर्पण से पहले जनमिलिशिया कमांडर के रूप में काम करने के पहले वह माओवादी नक्सलियों और उनके नेताओं के लिए भोजन आदि की व्यवस्था भी करता था. उसके मुताबिक वह पढ़कर शिक्षक बनना चाहता था. लेकिन नक्सलियों ने उस पर दबाव बनाया और उसे मजबूरन यह रास्ता अपनाना पड़ा.

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने बताया कि संगठन विस्तार के उद्देश्य से नक्सली ऐसा करते हैं. वे ऐसे लड़कों को चुनते हैं जो उनके कार्यों को करने में दक्ष हों. फिलहाल सुखराम को पुनर्वास नीति का लाभ दिलाने के साथ उसकी पढ़ाई पूरी करवाने में पुलिस पूरा सहयोग करेगी.



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