बस्तर का दशहरा, रावण वध के बदले होती है देवी की पूजा
छत्तीसगढ़ में बस्तर का दशहरा देश का एक मात्र ऐसा पर्व है जहां रावण वध नहीं होता बल्कि दंतेरी देवी के शक्ति स्वरूप की आराधना की जाती है.
रावण वध (फाइल फोटो) |
75 दिन तक चलने वाले बस्तर दशहरा को दुनिया की सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाले पर्व के रूप में जाना जाता है जो सावन महीने की अमावस्या अर्थात हरियाली अमावस्या के दिन प्रारंभ होता है और अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन इस का समापन होता है.
बस्तर में दशहरा पर्व देश के अन्य हिस्सों में मनाये जाने वाले रावण वध की परंपरा से हटकर दंतेरी देवी के शक्ति स्वरूप की आराधना और अर्चना के रूप में मनाया जाता है.
इस पर्व के सबसे पहले दिन अर्थात हरियाली अमावस्या को लकड़ियों के लट्ठे जगदलपुर शहर स्थित देवी दंतेरी के मंदिर के पास नियत स्थान तक लाये जाते हैं, जिनका उपयोग रथ निर्माण में किया जाता है. इस दिन को पाटजात्रा के रूप में जाना जाता है और विधि विधान से लाई गई लकड़ियों को लेकर पूजा अर्चना की जाती है.
इसी प्रकार दंतेरी देवी की दंतेवाड़ा विदाई के साथ ही यह बस्तर दशहरा के पर्व समाप्त होता है. इस वर्ष बस्तर दशहरा की शुरुआत 26 जुलाई को हुई और समापन 11 अक्टूबर को होगा.
75 दिनी इस आयोजन के दौरान एक ओर जहां 80 से अधिक पूजन विधान संपन्न किए जाते हैं वहीं इस दौरान 75 से अधिक बकरों की बलि भी दी जाती है. बकरों के अलावा मुर्गे, मोंगरी, मछली, अंडे और देशी शराब का भी उपयोग परपंरा अनुसार नियत अवसरों पर इस दौरान होता है. इस अवधि में दर्जन भर से अधिक पूजन विधानों में अलग-अलग निर्धारित संख्या में बकरों की बलि दी जाती है.
दंतेरी मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि उनके अनुसार सर्वाधिक संख्या में 11 बकरों की बलि अश्विन शुक्ल अष्टमी की मध्य रात्रि को निशा जात्रा विधान के मौके पर दी जाती है.
जगदलपुर तहसीलदार यामिनी पाण्डे जो दशहरा समिति की सचिव भी हैं के अनुसार दशहरा आयोजन के लिए इस वर्ष अब तक 25 लाख रूपयों का आवंटन प्राप्त हो चुका है, जिसमें बकरों की खरीदी का व्यय भी सम्मिलित है.
उन्होंने बताया कि दशहरा आयोजन के परिप्रेक्ष्य में की गई सभी खरीदी का भुगतान भी शासन द्वारा आवंटित राशि से ही किया जाता है.
उन्होंने बताया कि बकरों के अलावा बस्तर दशहरा पर्व आयोजन के दौरान कोई 3 हजार नारियल, 5 हजार लीटर देशी शराब और 400 क्विंटल चावल उपयोग में औसतन प्रतिवर्ष लाया जाता है.
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