नक्सलियों से त्रस्त हो चुके हैं बस्तर के नागरिक, पाना चाहते हैं निजात
छत्तीसगढ़ के बस्तर निवासी अब नक्सलियों से त्रस्त हो चुके हैं और नक्सल समस्या से निजात पाना चाहते हैं.
(फाइल फोटो) |
बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने कहा कि बस्तर के माड क्षेत्र में पुलिस का आम नागरिकों ने स्वागत किया वे भी नक्सली समस्या से निजात पाना चहते है. वर्तमान में माड क्षेत्र में स्थिति बदली हुई है. ग्रामीणों ने पुलिस का स्वागत किया और कैम्प स्थापित करने की बात कही. पुलिस ने जिन नक्सली स्मारकों को अधूरा तोड़ा था उसे ग्रामीणों ने पूरा तोड़ने के लिए कहते हुए नक्सलवाद को नापसंद करने की बात कही.
उन्होंने बताया कि अब बस्तर के अन्दरूनी क्षेत्र के लोग भी पुलिस के साथ सहयोगात्मक व्यवहार कर रहे है. जिसके चलते बस्तर में अधिक दिनों तक माओवादी टिक नहीं पायेंगे. अब तक 10 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं. इसका भी असर माड पर देखने को मिल रहा है.
एनआईए द्वारा 152 आरोपियों की शिनाख्त कर पहली बार दण्डकारण स्पेशल जोनल कमेटी और दरभा कमेटी के माओवादियों के नाम परिचय के साथ कुछ माओवादियों के फोटो भी उपलब्ध कराये गये थे इससे पुलिस को काफी मदद मिली है.
कल्लूरी ने बताया कि बारिश में बस्तर के माड और बीजापुर क्षेत्र के नक्सलियों के चार संभावित स्थलों पर पुलिस द्वारा हमले के लिए एक एक दल में 300 कोबरा बटालियन के जवान, 300 सीआरपीएफ और 300 सीएफ के जवान और अधिकारी शामिल थे. इस अभियान की सफलता से बस्तर की आधी लड़ाई जीत ली है आगे भी इसी तरह की योजना बनाकर शेष बस्तर में भी अभियान चलाकर क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने के लिए कार्य किया जायेगा.
कल्लूरी ने बताया कि पहली बार 26 बड़े नक्सलियों के खिलाफ उनकी संपति कुर्क की कार्रवाई की गई है. इनमें 19 छत्तीसगढ़ के और सात आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली हैं. नौ पकड़े गये नक्सली में एक सीआरसी, 2 सुकमा दलम, 4 दरभाडिवीजन कमेटी के माओवादी शामिल हैं.
आत्मसमर्पण करने वाले 10 माओवादी में दण्डाकारण्य जोनल कमाण्डर गुडसा उसेंडी, बुदरू 2 डिप्टी कमांडर चैतराम स्लाम मंजूला के साथ 6 जन मलेशिया सदस्य हैं.
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