गुमनामी के अंधेरे में पड़ी है हजार साल पुरानी गणेश प्रतिमा

Last Updated 30 Aug 2014 03:53:04 PM IST

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के ढोलका पर्वत शिखर पर दो वर्ष पहले खोजी गई एक हजार वर्ष पुरानी दुर्लभ और विलक्षण एक गणेश प्रतिमा गुमनामी के अंधेरे में खोयी हुयी है.


(फाइल फोटो)

यहां दर्शनार्थियों के पहुंचने के लिए पगडंडी तक नहीं है.

दंतेवाडा से करीब 26 किमी दूर बैलाडिला का ढोलका पर्वत शिखर समुद्र तल से 2592 फीट है और इस पर साढ़े तीन फीट ऊंची दुर्लभ गणेश प्रतिमा है. पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रतिमा एक हजार साल पुरानी है जिसे छिंदक नागवंशीय राजाओं ने स्थापित करवाया था.

इसकी तस्वीर को प्रदेश सरकार के टेबल कैलेण्डर भी प्रकाशित किया गया है.  

इस गणेश प्रतिमा की तस्वीर से प्रभावित होकर तत्कालीन राज्यपाल शेखर दत्त ने इसे नए वर्ष का राजकीय ग्रीटिंग बनवाकर देश के प्रमुख लोगों तक भिजवाया था.

सैलानी इस रोमांचक पर्यटन स्थल तक पहुंच सकें इसलिए जिला प्रशासन और पर्यटन मंडल के तत्कालीन उपाध्यक्ष विजय तिवारी ने ढोलका के विकास की बात कही थी लेकिन दो साल बाद भी फरसपाल के जामगुडा से यहां तक पगडंडी की सफाई तो दूर लोगों की जानकारी के लिए मार्ग प्रदर्शक बोर्ड भी नहीं लगाया गया.

सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों जब राज्य शासन के मुख्य सचिव विवेक ढांड दंतेवाड़ा आए थे तब ने ढोलका तक के मार्ग को दुरुस्त करने की बात उठी थी और उन्होंने जिला प्रशासन को सुझाव दिया था कि रोजगार गारंटी योजना के तहत शिखर तक मार्ग को दुरूस्त किया जा सकता है लेकिन उनके सुझाव पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

ढोलका का नैसर्गिक और पुरातात्विक सौंदर्य निहारने आने वाले सैलानी जामपारा के ग्रामीणों के भरोसे ही इस गणेश प्रतिमा स्थल तक पहुंच पाते हैं.



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