छत्तीसगढ़ में चिरायु योजना शुरू, 18 साल तक के बच्चों का होगा नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण

Last Updated 28 Aug 2014 03:09:32 PM IST

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ में चिरायु योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा.


(फाइल फोटो)

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ में चिरायु योजना शुरू हो गई है. इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग के 292 वाहनों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों के दल गांव-गांव जाकर शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे.

इसके लिए राज्य के सभी 146 विकासखण्डों में प्रति विकासखण्ड दो टीम रहेंगे. इस तरह चिरायु योजना के लिए कुल 292 चिकित्सा टीमों का गठन किया गया है. स्वास्थ्य परीक्षण में बीमार पाए जाने वाले बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्था भी राज्य शासन द्वारा की जाएगी.

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लगभग दो सप्ताह पहले राजधानी रायपुर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के सभी जिलों के लिए इस योजना का शुभारंभ किया था.

योजना के तहत राज्य के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में शून्य से छह वर्ष तक की आयु के बच्चों और शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों सहित अनुदान प्राप्त स्कूलों और सरकारी आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे छह वर्ष से 18 वर्ष तक आयु समूह के बालक-बालिकाओं का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चिरायु योजना के तहत बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, उलटी दस्त, खून की कमी, आयरन और विटामिन की कमी, दन्त रोग, दृष्टि दोष आदि का परीक्षण कर उपचार उपलब्ध कराया जायेगा.

साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण द्वारा चिन्हित 30 बीमारियों विशेषकर जन्मजात विकृति, कुपोषण, शिशु विकास सम्बन्धी अवरोध, विकलांगता तथा इस आयु में होने वाली मुख्य बीमारियों का पता लगाया जायेगा. जांच के बाद ऐसे बच्चे जिन्हें गंभीर रूप से उपचार की आवश्यकता है उन्हें अस्पतालों में भेजा जाएगा.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन सभी बच्चों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की गयी है. इस योजना के शुरू हो जाने से अब पालकों को अपने बच्चों की बीमारी का सही समय पर पता लग जायेगा साथ ही इलाज पर होने वाले खर्च के कारण पैदा होने वाला आर्थिक बोझ भी कम होगा.

चिरायु दल राज्य में विद्यार्थियों को स्वास्थ्य और कुपोषण के प्रति जागरूकता फैलाने का काम भी करेंगे.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment