अंतागढ़ उपचुनाव: बीजेपी पर सीट बचाने का दबाव, कांग्रेस को जीत की उम्मीद

Last Updated 22 Aug 2014 04:43:16 PM IST

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है.


(फाइल फोटो)

राज्य में जहां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी इस सीट को बचाने के लिए प्रयास कर रही है वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि आदिवासी मतदाता इस बार उनका साथ देंगे.

आदिवासी बाहुल्य बस्तर क्षेत्र के अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए अगले महीने की 13 तारीख को मतदान होगा. अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक विक्रम उसेंडी के लोकसभा में निर्वाचित होने के बाद से यह सीट रिक्त है. राज्य में लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस ने जीत के लिए तैयारी शुरू कर दी है वहीं भाजपा को उम्मीद है कि इस उपचुनाव में भी जीत उनकी होगी.

वर्ष 2008 में हुए परिसीमन में अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था. इस सीट में पहली बार विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस के मंतुराम पवार को मात्र 109 वोटों से हराया था. लेकिन पिछले वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में उसेंडी ने जीत का अंतर बढ़ाते हुए पवार को 5171 मतों से पराजित किया था.

छत्तीसगढ़ में ऐसा माना जाता रहा है कि यहां की सरकार का फैसला आदिवासी सीटें करती है और इसमें नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र की 12 सीटें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. लेकिन वर्ष 2013 में हुए चुनाव में यह मिथक टूट गया. राज्य में वर्ष 2013 में हुए चुनाव में भाजपा को बस्तर की 12 में से चार सीटें ही मिल पाई लेकिन वह सरकार बनाने में सफल रही.

भाजपा ने बस्तर क्षेत्र की चार सीटें अंतागढ़, जगदलपुर, नारायणपुर और बीजापुर में जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस ने यहां की आठ सीटों भानुप्रतापुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, चित्रकोट, बस्तर और कोंटा सीट पर जीत हासिल की थी. हालांकि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां से हार का सामना करना पड़ा था.

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी कहते हैं कि बीते विधानसभा चुनाव में राज्य के आदिवासी मतदाताओं ने कांग्रेस पर भरोसा जताया था. राज्य में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा गरीबों और आदिवासियों के खिलाफ हो गई है. यह उदाहरण हाल के दिनों में राशन कार्डों के निरस्तीकरण के रूप में सामने आया है.
त्रिवेदी कहते हैं कि गरीब जनता भाजपा के खिलाफ है और वह इस उपचुनाव में सरकार को जरूर सबक सिखाएगी.

वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक और प्रवक्ता शिवरतन शर्मा कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने आदिवासियों की बेहतरी के लिए कई कार्य किए हैं तथा यहां की जनता भी सरकार के साथ है. यही कारण है कि अंतागढ़ क्षेत्र में भाजपा कभी चुनाव नहीं हारी है. विश्वास है कि इस बार भी यहां भाजपा की ही जीत होगी.

शर्मा कहते हैं कि बीते लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को 11 में से 10 सीटों पर जीत दिलाई थी और अब वह अंतागढ़ उपचुनाव में भाजपा पर एक बार फिर विश्वास करेगी.

अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए 27 अगस्त तक नामांकन लिए जाएंगे और 28 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी. वहीं इस सीट पर 13 सितंबर को मतदान होगा तथा 16 तारीख को मतों की गिनती होगी.



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