ऊटपटांग बयानों पर न दें ध्यान, दादरी घटना पर बोले प्रधानमंत्री मोदी

Last Updated 08 Oct 2015 06:12:16 PM IST

बिहार के नवादा पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने विरोधियों को नोएडा के दादरी में हुई घटना का जवाब दे दिया, उन्होंने परोक्ष रूप से कहा कि राजनेताओं के ऊटपटांग बयानबाजी पर ध्यान मत दीजिए.


दादरी घटना पर बोले मोदी (फाइल फोटो)

अगर मैं भी कहूं तो उसे भी नजरअंदाज कर दीजिए. अगर सुनना है तो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जो भाषण दिया उसको सुनिए. उससे बडी कोई प्रेरणा नहीं हो सकती.

दादरी में गोमांस खाने की अफवाहों को लेकर भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की हत्या और उसके बेटे को गंभीर रूप से घायल करने की घटना को देखते हुए जारी सांप्रदायिक द्वंद्व के बीच प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उद्धृत करते हुए कहा कि देशवासियों को विविधता, सहिष्णुता और बहुलता के मूल सभ्यता मूल्यों के संरक्षण को लेकर कल दिए गए उनके संदेश का पालन करना चाहिए.

मोदी ने एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने ऐसा पहले भी कहा है. हिन्दुओं को फैसला करना चाहिए कि मुस्लिमों से लड़ें या गरीबी से. मुसलमानों को फैसला करना चाहिए कि हिन्दुओं से लड़ें या गरीबी से..दोनों को साथ मिलकर गरीबी से लड़ना चाहिए.. इस देश को एकजुट रहना होगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘एकता, सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारा और शांति ही देश को आगे ले जाएंगे.’’

प्रधानमंत्री ने लोगों से नेताओं के ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयानों को नजरअंदाज करने की अपील करते हुए कहा कि वे ऐसा राजनीतिक हितों के लिए कर रहे हैं और इसका अंत होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ नेता राजनीतिक हितों के लिए गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं..इस तरह के बयानों का अंत होना चाहिए.. अगर मोदी भी इस तरह का बयान दे तो भी इस तरह के बयानों पर ध्यान ना दें.’’

राष्ट्रपति के कल के बयान की ओर संकेत करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इससे बड़ा कोई मार्गदर्शन नहीं , कोई बड़ा संदेश नहीं है, कोई बड़ी दिशा नहीं है.’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘छुटभैया नेता अपने राजनीतिक हितों के लिए गैरजिम्मेदाराना बयान देने पर आमादा हैं. आपको इन बयानों को नजरअंदाज करना चाहिए..अगर आप किसी चीज पर ध्यान देना चाहते हैं तो राष्ट्रपति के मार्गदर्शन पर दें.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल राष्ट्रपति ने रास्ता दिखाया था. 125 करोड़ लोगों के देश के प्रमुख ने जो भी कहा उससे बड़ा कोई संदेश नहीं हो सकता, उससे बड़ी कोई दिशा नहीं हो सकती, उससे बड़ी कोई प्रेरणा नहीं हो सकती.’’

मोदी ने कहा कि देश के लोगों को राष्ट्रपति के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए और ‘तभी भारत दुनिया की अपेक्षाओं को पूरा कर सकता है.’’

राष्ट्रपति ने बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि हम अपने  समाज के बुनियादी मूल्यों को यूंही व्यर्थ जाने की मंजूरी नहीं दे सकते और ये बुनियादी मूल्य वही हैं जिन्हें वर्षों से हमारे समाज ने विविधता के रूप में बुलंद रखा और सहिष्णुता, धैर्य और बहुलवाद को बढ़ाया और उसकी वकालत की.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन्हीं बुनियादी मूल्यों ने हमें सदियों तक एकसाथ बांधे रखा. कई प्राचीन सभ्यताएं खत्म हो गईं. लेकिन यह सही है कि एक के बाद एक आक्रामण, लंबे विदेशी शासन के बावजूद भारतीय सभ्यता अगर बची तो अपने बुनियादी नागरिक मूल्यों के कारण ही बची. हमें निश्चित तौर पर इसे ध्यान में रखना चाहिए. अगर इन बुनियादी मूल्यों को हमने अपने मन-मस्तिष्क में बनाए रखा तो हमारे लोकतंत्र को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.’’












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