जंगलराज 2 के पीछे नीतीश तो महज एक मुखौटा हैं- शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन का मात्र एक मुखौटा बताते हुए आरोप लगाया कि अगर नीतीश सत्ता में आते हैं प्रदेश में ‘जंगलराज 2’ कायम हो जाएगा.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह |
मंगलवार को भागलपुर जिले के पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रगति मैदान में एक चुनावी सभा को संबोधित करते शाह ने लालू प्रसाद नीत पिछले 15 सालों के राजद शासनकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि दस साल पहले बिहार में अपहरण, लूट और हत्या का दौर चल पडा था. ‘जंगल राज’ के खात्मे के लिए भाजपा ने संघर्ष किया तथा जद यू के साथ सरकार बनाई लेकिन नीतीश ने भाजपा के साथ धोखा दिया. अब तो नीतीश जंगल राज के प्रणेता (लालू) और भ्रष्टाचार के प्रतीक (कांग्रेस) के कंधों पर सवार हो गये हैं. ऐसे में ‘जंगलराज 2’ की संभावना है.
उन्होंने लालू-नीतीश के लंबे शासनकाल में बिहार काफी पिछड़ जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में न तो उद्योग लग पाये और न ही सड़क, बिजली और पानी की सुविधा मिली. रोजगार के अवसर भी नहीं मिले.
शाह ने कहा कि बिहार में सड़क, बिजली, शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में विकास की जरुरत है लेकिन नीतीश कहते हैं कि राज्य को विशेष पैकेज की जरुरत है ही नहीं.
उन्होंने आरक्षण मुद्दे को लेकर भ्रम फैलाये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा आरक्षण का समर्थक है तथा इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला है जबकि नीतीश और लालू आरक्षण के नाम पर लोगों को झांसा दे रहे हैं.
शाह ने जंगलराज से निजात के लिए आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिताने की अपील करते हुए कहा कि यह चुनाव बिहार का भविष्य तय करेगा. यह चुनाव बिहार के विकास की नींव डालनेवाला चुनाव होगा. राजग को इस चुनाव में अगर जीत का सेहरा मिला तो बिहार को देश का एक नंबर राज्य बना देंगे. देश के अन्य विकसित राज्यों की तर्ज पर बिहार भी विकास के डगर पर चल पडेगा. इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के विकास के लिए 165 हजार करोड़ का विशेष पैकेज दिया है.
उन्होंने लोगों से बिहार के विकास का मौका देने की अपील करते हुए कहा कि बिहार एक उर्वर राज्य है लेकिन इसे अच्छे शासन प्रशासन की जरुरत है.
समस्तीपुर जिला के रोसड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे नीतीश के उस कथन से सहमत हैं कि केवल बिहारी न कि बाहरी बिहार पर राज्य करेगा क्योंकि भाजपा में बहुत सारे लोकप्रिय और सक्षम नेता हैं.
उन्होंने नीतीश से आगामी 8 अक्तूबर जिस दिन बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने पर मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र तैयार रखने को कहा.
शाह ने यह स्वीकार किया कि इतने नेताओं और कार्यकर्ताओं की पार्टी होने के कारण टिकट बंटवारे में कुछ समस्या आयी होगी पर धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में क्या हुआ उनके मुखिया (मुलायम सिंह यादव) बाहर चले गए.
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