बांका में बोले मोदी 'अहंकारी' है नीतीश सरकार, बिहार पैकेज भी लौटा सकते हैं, विकास के लिए वोट की अपील

Last Updated 02 Oct 2015 06:18:19 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें \'बेहद अहंकारी\' करार दिया और कहा कि इन पर कोई भरोसा नहीं कर सकता.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा को संबोधित करते हुए.

बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद शुक्रवार को बांका में अपनी पहली सार्वजनिक रैली में मोदी ने गांव, गरीब, किसान को सशक्त बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में बदलाव के लिए भारी तादाद में वोट दें, ऐसी सरकार बनायें जो बिहार के नौजवानों की आकांक्षाओं को पूरा करे, बिहार के नौजवानों को रोजगार के लिए अपने बूढ़े माता पिता को छोड़कर बाहर नहीं जाना पड़े. उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का समाधन विकास है.  उन्होंने कहा कि राज्य की किस्मत बदलने के लिए 'विकासवाद' के नाम पर लोगों से भाजपा नीत राजग को वोट देने की अपील की.

अपनी सरकार की ओर से बिहार के लिए वित्तीय पैकेज की घोषणा पर विरोधियों के प्रहार पर मोदी ने कहा, ''कुछ लोग बिहार के लिए 1.65 लाख करोड़ के वित्तीय पैकेज की मेरी घोषणा पर सवाल उठा रहे हैं. वे सवाल कर रहे हैं कि यह आयेगा या नहीं.'' बिहार के विकास को हिन्दुस्तान के विकास से जोड़ते हुए मोदी ने सवाल किया कि क्या इस सरकार (नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली) की ओर से दिया गया एक भी रूपया आप तक पहुंचा है ?

उन्होंने कहा, ''अगर मैं कुछ देता हूं तब अहंकार इतना है कि वे वापस कर देते हैं. मुझे चिंता है कि अगर मैं 1.65 लाख करोड़ रूपये दूंगा तब भी वह यह घोषणा करेंगे कि उन्हें इस पैसे की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इसे मोदी ने दिया है. मुझे इन पर भरोसा नहीं है.''  मोदी ने इस बात का जिक्र भी किया कि कोशी की बाढ़ के दौरान गुजरात की ओर से दी गई पांच करोड़ रूपये की राशि नीतीश कुमार ने लौटा दी थी.

पैकेज के बारे में विरोधियों के आरोपों का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि यह पैसा मोदी का नहीं है, यह बिहार की जनता का पैसा है. दिल्ली की सरकार किसी का कोई पक्ष नहीं ले रही है. यह बिहार और यहां के लोगों का अधिकार है और मैं यह हक देने का प्रयास कर रहा हूं और अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं. नीतीश कुमार का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि इन पर कोई भरोसा नहीं कर सकता है.

मंच पर बैठे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर संकेत करते हुए मोदी ने कहा, ''क्या उनपर (नीतीश कुमार) भरोसा कर सकते हैं ? जीतन राम मांझी के साथ उन्होंने जो कुछ किया, उसके बाद कोई भी उन पर भरोसा नहीं कर सकता है. बिहार के लोग उन पर भरोसा नहीं कर सकते हें.''

मोदी ने कहा कि बिहार ने सभी तरह के वाद जैसे सामंतवाद, पूंजीवाद, अलगाववाद, वंशवाद को देख लिया. ''अब समय आ गया है कि राज्य के लोग विकासवाद के लिए वोट करें.'' बिहार के पिछड़ेपन का जिक्र कर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं कि यहां पर सरकार कैसी है, यह वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट से जाहिर है.

उन्होंने कहा कि मैं बिहार की तुलना, हरियाणा, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्यप्रदेश ने कर रहा हूं, मैं बिहार की तुलना झारखंड से कर रहा हूं. झारखंड पहले बिहार का हिस्सा था और करीब 15 वर्ष पहले अलग हुआ. बिहार का कितना बुरा हाल हुआ है, यह मैं बताने जा रहा हूं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि कौन से राज्य हैं जहां कारोबार करना सुगम है, सरकारों का सहयोगी रूख है. इस रिपोर्ट में बिहार 27वें नंबर पर है जबकि झारखंड तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.

उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि झारखंड में बदलाव आया की नहीं ? झारखंड की जनता ने भाजपा की सरकार बनाई और आज झारखंड नई ऊंचाइयों को छू रहा है. सरकार बदलती है, काम करने वाली सरकार आती हैं तब क्या बदलाव आता है, यह स्पष्ट होता है.  लोगों से विकास के नाम पर वोट देने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि बिहार भी विकास की नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा, हम आपसे यह वादा करने आए हैं.

मुद्रा बैंक योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत हमने समाज के उन लोगों को ऋण सुविधा मुहैया करायी जो गरीब हैं, मेहनत करने वाले हैं, उनके कारोबार को आगे बढ़ाने और साहूकार के चंगुल से निकालने की पहल की गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद से बिहार के 3 लाख लोगों को यह पैसा मिल चुका है.

भाजपा नीत राजग के लिए वोट देने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि एक बार निर्णय कर लें, मैं कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ चलूंगा. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आरक्षण के मुद्दे की चर्चा नहीं की. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को राज्य में भाजपा की प्रतिद्वन्द्वी राजद, जदयू प्रमुखता से उठा रही है.

मोदी ने अपने भाषण में राजद प्रमुख लालू प्रसाद का जिक्र भी नहीं किया जो आरक्षण के मुद्दे पर उनपर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा, ''इन दिनों गरीबों के नाम पर काफी खेल खेले जा रहे हैं. ''उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं यहां आपसे विकास और कानून व्यवस्था के नाम पर वोट मांगने आया हूं.'' राज्य में माओवाद की समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने युवाओं से हिंसा का मार्ग छोड़ने और बैलेट की ताकत में विश्वास करने की अपील की. उन्होंने कहा, ''हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं निकल सकता है. वक्त की मांग है कि हिंसा का मार्ग छोड़ें और मुख्यधारा में लौटें. हम बिहार के विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलें. राजग को सत्ता में लाने के लिए भारी संख्या में वोट दें.''

देश में बिहार के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि सभी प्रमुख आंदोलन बिहार से शुरू हुए. महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से ही सत्याग्रह शुरू किया. रैली में भारी संख्या में मौजूद लोगों की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, ''अब पोलिटिकल पंडितों का क्या होगा. मैं इसे रैली नहीं कह सकता, यह रेला है और अभी तो शुरूआत है.''

 



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