भाजपा बिहार में नंबर एक बनने की कोशिश में जुटी
राज्यों में सहयोगी दलों के जूनियर बनकर चुनाव लड़ने की भाजपा ने अपने नीति बदल दी है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह |
पार्टी महाराष्ट्र में शिवसेना को सीनियर पार्टी बने रहने का सबक सिखा चुकी है. अब जदयू और अकाली दल का नंबर है. आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा बिहार में 40 सीटों में से कम से कम 25 सीटों पर चुानव लड़ेगी और बाकी 15 पर सहयोगी दल लड़ेंगे.
बिहार की स्थिति और पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए भाजपा अध्यक्ष अक्टूबर के अंत में बिहार का दौरा करेंगे. सूत्रों के अनुसार गुरुवार रात को भाजपा मुख्यालय में हुई पार्टी की बिहार की कोरग्रुप की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश नेताओं से जदयू से फिर से गठबंधन किये जाने के बाद की स्थिति का जायजा लिया और 2019 के लोकसभा चुनाव पर मंत्रणा की. 2013 में जदयू भाजपा से बाहर निकल आया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की हवा के झोंके में भाजपा और उसके सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने 40 में से 33 सीटें जीती थीं और जदयू मात्र 2 सीटों पर सिमट गयी थी. लेकिन विधानसभा चुनाव में जदयू ने राजद के साथ मिलकर फिर से सत्ता हासिल कर ली थी.
जदयू के वापस एनडीए में शामिल होने पर भाजपा के सामने चुनौती है कि जदयू फिर से ज्यादा सीटों की मांग करेगा. जबकि 33 सीटें तो अभी भी भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने जीती हैं. ऐसे में जदयू को 8-10 सीटों से ज्यादा मिलना मुश्किल है. 2009 के चुनाव में जदयू ने 25 और भाजपा ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था और विधानसभा चुनाव में भी जदयू ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन अब यह आंकड़ा बदल जाएगा.
इसी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए अमित शाह ने बिहार के नेताओं की बैठक बुलायी थी, इस बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय, पूर्व भाजपा प्रमुख मंगल पांडे, नंद किशोर यादव, राज्य से केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे आदि ने बैठक में हिस्सा लिया. आगे की रणनीति तय करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अक्टूबर के आखिर में बिहार का दौरा करेंगे. तब तक और भी तस्वीर साफ हो जाएगी. अमित शाह ने भाजपा कोटे के मंत्रियों को हफ्ते में दो दिन प्रदेश के पार्टी कार्यालय में बैठक कर लोगों से मिलने और उनकी समस्याएं दूर करने को कहा.
| Tweet |