जदयू के चुनाव चिन्ह पर नीतीश कुमार का कब्जा, शरद यादव की अपील खारिज
चुनाव आयोग ने आज साफ कर दिया है कि जनता दल यूनाइटेड पार्टी और पार्टी का चुनाव चिह्न नीतीश कुमार के पास ही रहेगा.
जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो) |
निर्वाचन आयोग ने जदयू के चुनाव चिन्ह पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव गुट के दावे को तकनीकी कारणों से खारिज कर दिया.
आयोग के एक अधिकारी ने आज बताया कि शरद यादव गुट द्वारा गत 25 अगस्त को पेश दावे में पर्याप्त दस्तावेजों के अभाव को संज्ञान नहीं लेने का मुख्य आधार है.
यादव ने जदयू के अधिकांश पदाधिकारियों के समथर्न का दावा करते हुये पार्टी का चुनाव चिन्ह उनके गुट को देने की आयोग से मांग की थी. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले दूसरे गुट ने सभी विधायकों, विधान पाषर्दों और सांसदों सहित अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों के समर्थन का शपथपत्र आयोग के समक्ष पेश करते हुये जदयू के चुनाव चिन्ह पर अपना अधिकार जताया है.
आयोग के सूत्रों के अनुसार यादव गुट अभी भी अपने दावे को प्रभावी रूप से पेश करने के लिये पर्याप्त दस्तावेजों के साथ एक अन्य प्रार्थना पत्र पेश करने के लिये स्वतंत्र है.
इस बारे में यादव गुट से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण श्रीवास्तव ने आयोग के इस फैसले से अनभिज्ञता जतायी. श्रीवास्तव ने कहा कि आयोग से हमने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुये यह पूछा था कि इसकी पुष्टि के लिये उन्हें क्या दस्तावेज पेश करने होंगे. आयोग इस बाबत जो भी दस्तावेजों की जरूरत बतायेगा उसे हम शीघ ही पेश कर देंगे.
यादव गुट ने जदयू की राष्ट्रीय परिषद के अधिकांश पदाधिकारियों का समर्थन प्राप्त होने के हवाले से पार्टी के चुनाव चिन्ह पर आयोग के समक्ष अपना दावा पेश किया था.
इसके जवाब में जदयू सांसद आर सी पी सिंह और पार्टी महासचिव के सी त्यागी ने पिछले सप्ताह आयोग के समक्ष पार्टी के 71 विधायकों, दो लोकसभा, 10 में से सात राज्यसभा सदस्यों और 30 विधान पाषर्दों सहित अन्य पार्टी पदाधिकारियों के समर्थन का शपथपत्र पेश करते हुये चुनाव चिन्ह नीतीश गुट को आवंटित करने की मांग की थी.
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