केसी त्यागी बोले, लक्ष्मण रेखा पार न करें शरद

Last Updated 20 Aug 2017 04:44:26 AM IST

शनिवार को जनता दलयू के अलग-अलग दो कार्यक्रमों में शामिल नीतीश कुमार और शरद यादव ने एक दूसरे का नाम लिये बगैर अपनी भंड़ास निकाली.


जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी (file photo)

नीतीश के निशाने पर शरद कम, लालू यादव ज्यादा रहे. दूसरी और शरद के निशाने पर नीतीश का महागठबंधन तोड़ कर भाजपा के साथ जाना रहा.

शरद ने केन्द्र सरकार की भी आलोचना की. कहा बेरोजगारी बेकाबू है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

कार्यसमिति की बैठक में यह बात तय हुई की शरद यादव अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उनके निष्कासन की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करती है वे लालू की 27 को होने वाली रैली में शामिल होते हैं या नहीं.

चार साल बाद राजग में लौटे नीतीश

चार साल बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा बना जनता दलयू. जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से राजग में शामिल होने का निर्णय लिया गया. बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए भाजपा , लोजपा, रालोसपा एवं हम के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के निर्णय का स्वागत किया गया.

बैठक में केरल को छोड़कर सभी राज्य इकाइयों ने नीतीश कुमार में आस्था जतायी. बैठक में कई नेताओं ने दल विरोधी गतिविधियों के लिए शरद यादव पर कार्रवाई की मांग की, किंतु नीतीश कुमार शरद यादव का लक्ष्मण रेखा पार करने का इंतजार कर रहे हैं.

जदयू कार्यकारिणी की बैठक के बाद प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि  शरद यादव दिल एवं दिमाग से जदयू त्याग चुके हैं. वे लक्ष्मण रेखा पार कर रहे हैं. इसके बावजूद हमलोग उनके प्रति अनादर की कोई बात नहीं करेंगे.

पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं करेगी. शरद यादव के साथ आज भी पार्टी खड़ी है. पार्टी में कोई विभाजन नहीं है. 27 को शरद यादव अगर लक्ष्मण रेखा पार कर लालू की रैली में जाते हैं तो पार्टी को मजबूरी में निर्णय लेना परेगा. शरद यादव जिन आदर्श एवं मुल्यों के साथ लड़  रहे थे. वह लालू के साथ जाकर 27 को दफन हो जायेंगे.

पार्टी ने अभी तक शरद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. संसदीय दल के नेता पद से उन्हें हटाना पार्टी की मजबुरी थी. वे नीतीश कुमार एवं  पार्टी का निर्णय के विपरित संसद में कार्य करते थे. महिला आरक्षण, सर्जिकल स्ट्राईक, राष्ट्रपति चुनाव जैसे कई मामले हैं, जिसमें शरद एवं नीतीश की राय अलग-अलग रहती थी. शरद यादव से हमारा 43 साल का संबंध है. पर आजकल शरद यादव त्यागी हो गये हैं.

समयलाइव डेस्क


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