बिहार में बाढ़ से 1.22 करोड़ लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या 202

Last Updated 19 Aug 2017 10:07:21 PM IST

बिहार में सभी प्रमुख नदियों के लगातार उफान पर रहने से 18 जिलों में आई बाढ़ में अबतक एक करोड़ 22 लाख लोग प्रभावित हुये हैं वहीं मरने वालों की संख्या 202 पर पहुंच गई है.


बिहार में बाढ़ से मृतकों की संख्या 202 पहुंची (फाइल फोटो)

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज पटना में बताया कि गंगा समेत राज्य की दस प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बने रहने से 18 जिले पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी,  सीतामढ़ी,  शिवहर, मुजफ्फरपुर,  गोपालगंज, सहरसा,  खगड़िया,  सारण एवं समस्तीपुर बाढ़ की चपेट में हैं. इस भीषण बाढ़ से अबतक एक करोड़ 22 लाख लोग प्रभावित हुये हैं.

सूत्रों ने बताया कि बाढ़ से सबसे अधिक 16.64 लाख लोग पूर्वी चंपारण में प्रभावित हुये हैं. वहीं पूर्णिया में प्रभावित हुये लोगों की संख्या 10.5 लाख, अररिया में 15.5 लाख, कटिहार में 12.42 लाख, दरभंगा में 8.05 लाख, सुपौल में 3.75 लाख, पश्चिम चंपारण में 7.19 लाख, मुजफ्फरपुर में 4.18 लाख,  किशनगंज में 10.1 लाख, मधेपुरा में 1.05, सीतामढ़ी में 15.5 लाख, गोपालगंज में 3.44 लाख, शिवहर में 1.05 लाख, मधुबनी में 7.65 लाख, सहरसा में 2.33 लाख, खगड़यिा में 92 हजार, सारण में 98 हजार और समस्तीपुर में 31 हजार है.

सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इन जिलों में अबतक मरने वालों की संख्या 202 पर पहुंच गई है. इस दौरान सबसे अधिक 42 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है. वहीं, सीतामढ़ी में मृतकों की संख्या 31, पश्चिम चंपारण में 29, सुपौल में 13, मधुबनी में 12, किशनगंज एवं पूर्वी चंपारण में 11-11, दरभंगा में 10, पूर्णिया और मधेपुरा में नौ-नौ, कटिहार में सात, शिवहर, गोपालगंज एवं सहरसा में चार-चार, खगड़यिा में तीन, सारण में दो और तथा मुजफ्फरपुर में एक हो गई है.

सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है तथा अबतक कुल 1336 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें चार लाख 22 हजार 106 लोगों ने शरण ली है. राहत शिविर में नहीं रहे रहे बाढ़ प्रभावितों के लिए 1879 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं. प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर एवं सर्पदंश से संबंधित दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं. वहीं प्रभावित पशुओं के टीकाकरण एवं चारे की भी व्यवस्था की जा रही है.


        
प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर जारी रखने के लिए जहां 1152 जवान एवं 118 नौकाओं के साथ एनडीआरएफ की 28 टीम, 446 जवान और 92 नौकाओं के साथ एसडीआरएफ की 16 टीम लगी हुई है वहीं 630 जवान और 70 नौकाओं के साथ सेना की सात कंपनियां मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है.

केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि अभी गंगा समेत राज्य की 10 नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं सात प्रमुख नदियों गंगा, सोन, पुनपुन, घाघरा, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी के जलस्तर का बढ़ना अभी भी जारी है.

आयोग के अनुसार, गंगा नदी साहेबगंज में 47, कोसी बलतारा में 195, बसुआ में तीन, कुरसेला में 14, गंडक डुमरियाघाट में 129, बागमती बेनीबाद में 72, अधवारा समूह कमतौल में 72, एकमीघाट में 139,कमला बलान झंझारपुर में 09 और महानंदा नदी का जलस्तर ढेंगराघाट में 34 एवं झावा में खतरे के निशान से 02 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया. हालांकि आयोग का कहना है कि पहले के मुकाबले इन नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है.

केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि क्षतिग्रस्त तटबंधों पर सिंचाई विभाग के अभियंता मरम्मति कार्य के बाद लगातार चौकसी बरत रहे हैं. राज्य के सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं. वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में बताया कि बिहार के सभी नदियों के जलग्रहण क्षेा में हल्की साधारण वर्षा होने की संभावना है.

 

 

वार्ता


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