बिहार के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति बेकाबू, 78 लोगों की मौत

Last Updated 15 Aug 2017 06:36:14 PM IST

नेपाल में हो रही बारिश से बिहार की सभी प्रमुख नदियों के खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण राज्य के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति बेकाबू हो गयी है और इससे अबतक 78 लोगों की मौत हो चुकी है, प्रभावित करीब 80 लाख लोगों को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव के लिए सेना के अलावा तीन हेलीकॉप्टरों को लगाया है.


बिहार के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति बेकाबू (फाइल फोटो)

आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज पटना में बताया कि बाढ़ के कारण पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधबुनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर जिलों के 92 प्रखंड प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों में करीब 80 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं.

सूत्रों ने बताया कि प्रभावित इन 13 जिलों में राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) की 22 टीम के साथ 100 नौकाएं और राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) की 15 टीम के साथ 82 नौकाएं 24 घंटे राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुयी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता को भी प्रभावित इलाकों में भेजा गया है.

सूत्रों ने बताया कि इसी तरह सेना की सात कंपनियों को प्रभावित इलाकों में कल से ही लगा दिया गया है.  सेना की 40 नौकाएं प्रभावित इलाकों में लगायी गयी है . बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित सीतामढ़ी , मधुबनी , पश्चिम एवं पूर्वी चंपारण जिले के नीचले इलाकों में सेना की तीन कंपनियों को विशेष तौर पर भेजा गया है.

बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में फंसे हुए लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए वायुसेना का दो हेलीकाप्टर लगाया गया है. वहीं, एक अन्य हेलीकाप्टर पश्चिम चंपारण के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री उलब्ध कराने में जुटा है . हेलीकाप्टर से सूखा खाद्य सामग्रियों के साथ ही रोजमर्रा का सामान बाढ़ पीड़तिों के बीच गिराये जा रहे हैं.

प्रभावित इलाकों में प्रशासन की ओर से 258 राहत शिविर खोले गयें हैं . इन शिविरों के अलावा पशु राहत शिविर भी ऊंचे स्थानों पर बनाये गये हैं. प्रभावित इलाकों से अबतक दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है . राहत शिविरों में लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

सारण जिले के मांझी थाना क्षेा के सरयुग नदी की तेज धार में आज एक युवक की डूब कर हुयी मौत के साथ ही मृतकों संख्या बढ़कर 78 हो गयी है. मृतक की पहचान जिले के रिविलगंज थाना क्षेत्र के ढेलहारी गांव निवासी टुना सिंह (27) के रुप में की गयी है. 

इसके अलावा बाढ़ के दौरान किशनगंज में 10, अररिया में 20, पूर्वी चंपारण में 11, सुपौल, मधुबनी एवं कटिहार में 04-04, पश्चिम चंपारण में 14, दरभंगा में 03 और सीतामढ़ी में 07 लोगों की पानी की तेज धार और सर्पदंश से मौत की सूचना है. हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ से अबतक 51 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है.

बाढ़ के कारण पश्चिम चंपारण जिले का गोरखपुर से रेल संपर्क टूट गया है वहीं किशनगंज रेलवे स्टेशन के निकट रेल पटरी पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण पिछले दो दिनों से रेल परिचालन बाधित है. किशनगंज में राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानी के तेज बहाव के कारण उत्तर पूर्वी भारत का संपर्क टूट गया है.

इसी तरह आज सुबह मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी के रिंग बांध के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण गायघाट के तीन पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. शिवदाहा पंचायत पूरी तरह से टापू नजर आ रहा है और यहां के लोगों को नौकाओं की मदद से ऊंचे स्थानों पर ले जाया गया है . निकट के कुछ अन्य गांवों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.



केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा साहेबगंज में लाल निशान से 35, कमला बलान झंझारपुर में 232, अधवारा समूह कमतौल में 190, कोसी बलतारा में 201, बागमती बेनीबाद में 87, महानंदा ढ़ेंगरा घाट में 195 और गंडक नदी डुमरिया घाट में 144 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके अलावा गंगा, घाघरा, गंडक, बुढ़ी गंडक, अधवारा समूह और कोसी नदी के जलस्तर में कई स्थानों पर लगातार वृद्धि हो रही है.

केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि गंडक नदी में आज सुबह जलस्तर के अचानक बढ़ जाने से पश्चिम चंपारण जिले के भितहा प्रखंड के दायां तटबंध के 0.68 से 0.78 किलोमीटर के बीच तटबंध लगभग 15 मीटर की लंबाई में क्षतिग्रस्त हो गया. क्षतिग्रस्त स्थल पर सिंचाई विभाग के अभियंता मरम्मति कार्य के बाद लगातार चौकसी बरत रहे हैं.

इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में साधारण से मध्यम वर्षा होने की संभावना है.

 

 

वार्ता


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