नीतीश अपने 75 प्रतिशत दागी मंत्रियों पर कार्रवाई करेंगे : तेजस्वी

Last Updated 02 Aug 2017 07:23:51 PM IST

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनपर सीबीआई के प्राथमिकी दर्ज किये जाने का बहाना बनाकर अंतरात्मा की आवाज पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल तो हो गये, लेकिन क्या वह नवगठित मंत्रिमंडल के 75 प्रतिशत दागी मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे.


बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)

तेजस्वी ने पटना में राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के साथ ही दो अन्य विधायकों की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महागठबंधन की सरकार के जाने के बाद से इन दिनों प्रदेश में वर्तमान राजनीतिक माहौल को लेकर चर्चाएं हो रही है. उनके ऊपर सीबीआई के प्राथमिकी दर्ज किये जाने को लेकर कुमार ने नैतिकता और अंतरआत्मा की आवाज का बहाना बना कर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया और राजग की गोद में बैठ गये.

प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि वह शुरू से भ्रष्टाचार के खिलाफ रहे हैं. कुमार ने उनके खिलाफ सीबीआई के प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अंतरआत्मा की आवाज पर तो इस्तीफा दे दिया लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए कि प्रदेश की राजग सरकार में 75 प्रतिशत दागियों को मंत्री क्यों बनाया गया. उन्होंने कहा कि एक-एक कर सभी दागियों को बेनकाब किया जायेगा.

यादव ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि उनके द्वारा विश्वास मत के दौरान विधानसभा में दिये गये वक्तव्य पर कुमार दो दिन पूर्व अपने संवाददाता सम्मेलन के दौरान तथ्यपरक बिंदुवार जवाब देंगे लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति कुमार की ही नहीं बल्कि उनकी भी रही है.

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पनामा पेपर लीक घोटाले में भाजपा के नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह के पुत्र, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ब्रांड एम्बेस्डर और फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन तथा जानेमाने उद्योगपति अडाणी के बड़े भाई का नाम आया है. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री कुमार ने चुप्पी साध ली है. उन्होंने कहा कि यदि इस तरह के मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव या उनका (तेजस्वी यादव) नाम आता तो अबतक हायतौबा मच गयी होती.

तेजस्वी ने कहा कि पनामा घोटाला मामले में दो देशों के प्रधानमंत्री को जहां पद छोड़ना पड़ा वहीं ऑस्ट्रेलिया में जांच के आदेश दिये गये हैं. नीतीश इतने बड़े मामले के बाद भी अभी तक चुप्पी बनाये हुए हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जांच क्या सीबीआई करेगी जिसमें अबतक 50 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. कुमार की नैतिकता अब कहां है.

प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि प्रदेश की राजग सरकार ने कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत 75  प्रतिशत दागियों को मंत्री बनाया है. ऐसे में नैतिकता की बात करना  कुमार को शोभा नहीं देती. उन्होंने कहा कि कितनी बार मुख्यमंत्री की अंतरआत्मा जागती और सोती है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कुमार को यह बताना चाहिए कि उनके अंदर कौन सी अंतरआत्मा है कुर्सी, डर, लालच या फिर मोदी की आत्मा.

यादव ने कहा कि महागठबंधन सरकार को तोड़ने के लिए ‘स्वीट डील’ किया गया. उन्होंने आरोप लगाया और कहा कि महागठबंधन सरकार ईमानदारी से बिहार के विकास में लगी हुयी थी और जो धारा सीबीआई ने उनपर लगाया है वही धारा भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर भी लगा है. ऐसे में कुमार के बगल में वह कैसे बैठ रहे हैं, यह लोग जानना चाहते हैं.

प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि अब तो केन्द्र और बिहार में एक ही सरकार बन गयी है इसलिए यह नियम बना देना चाहिए कि जिस पर भी प्राथमिकी दर्ज होता है वह संवैधानिक पद पर नहीं रहेगा. प्रदेश के लोग इस तरह का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनादेश के खिलाफ राजग सरकार का गठन किया गया है.



तेजस्वी ने कहा कि सरकार के गठन के लिए जो वोट की डकैती की गयी है उसे लेकर प्रदेश के लोग कुमार से पूछते रहेंगे. गरीब, शोषित, वंचित और अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ महागठबंधन को वोट दिया था लेकिन  कुमार राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) संघ की गोद में जाकर बैठ गये. उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वासमत के दौरान जब वह विधानसभा में वक्तव्य दे रहे थे तभी उनकी आवाज दबाने के उद्देश्य से समाचार चैनलों में चल रहे सीधा प्रसारण को बंद करवा दिया गया.

प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि नीतीश कुमार का राजद अध्यक्ष पर यह आरोप लगाना कि वह जाति की राजनीति करते हैं यह फिर से लोगों को गुमराह करने का प्रयास है. यादव मंडल आयोग के समय दबे-कुचले लोगों को एकजुट कर इसकी अगुवाई की थी. उन्होंने कहा कि जब एक बार फिर से बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही समाजवादियों का जमघट पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में राजद की 27 अगस्त की रैली में होने वाली थी तो उसके पहले ही एकजुटता को तोड़ने का प्रयास किया गया.

यादव ने कहा कि कुमार मंडल आयोग के समय भी समता पार्टी का गठन कर‘कमंडल’की ओर भाग गये थे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013  में भी कुमार ने भाजपा से धोखा खाया था और इस बार भी कुर्सी की लालच में वह भाजपा से हाथ मिलाकर फस गये हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में राजग की सरकार अधिक दिनों तक चलने वाली नहीं है और यदि किसी को विास नहीं हो रहा है तो वह उनसे शपथ पा भरवा ले.

यादव ने कहा कि कुमार चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की बात तो कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारों के पास चले गये हैं. वह अपने आंदोलन की शुरुआत बापू की कर्मभूमि चंपारण से करेंगे और वहां जाकर बापू की प्रतिमा के समक्ष कुमार के साथ आने के लिए उनसे क्षमा मांगेंगे. इसके बाद वह बिहार का दौरा कर जनता के समक्ष कुमार की पोल खोलेंगे.

 

 

 

वार्ता


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