पहले महागठबंधन टूटा, अब प्रवर्तन निदेशालय ने किया केस दर्ज
लालू प्रसाद का परिवार एक और मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूपीए सरकार के दौरान रेलवे होटल आवंटन भ्रष्टाचार मामले में उनपर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में लालू के बेटे तेजस्वी यादव और पत्नी राबड़ी देवी का नाम भी शामिल है।
(फाइल फोटो) |
प्रवर्तन निदेशायल से मिली जानकारी के मुताबिक बीएनआर टेंडर घोटाला साल 2006 में रेलवे के होटल आवंटन की गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है और उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। इस मामले में सीबीआई का कहना था कि साल 2006 में रेल मंत्री रहते लालू यादव ने रांची और पुरी के बीएनआर होटलों के रखरखाव के लिए प्राइवेट कंपनियों को टेंडर दिया था।यह टेंडर निजी सुजाता होटेल्स को दी गई थीं।
बीएनआर होटल रेलवे के हैरिटेज होटल हैं, जिन्हें साल 2006 में आईआरसीटीसी ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। इस मामले में सीबीआई ने भी केस दर्ज करके सात जुलाई को दिल्ली, पटना, रांची, पुरी और गुरुग्राम सहित 12 स्थानों पर छापेमारी की थी।
यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने दी। वहीं बुधवार को नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर महागठबंधन से दूरी बना ली थी और गुरुवार को एनडीए के समर्थन से बिहार में फिर से सरकार बना ली।
उधर लालू प्रसाद चारा घोटाले के सिलसिले में हो रही सीबीआई अदालत की कार्रवाई में शामिल होने के लिए रांची गए हुए थे। उन्होंने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान नीतीश पर जमकर निशाना साधा और उन पर जनता के फैसले के खिलाफ बीजेपी से मिलकर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। लालू प्रसाद ने साफ किया कि वे गवर्नर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में साफ कर दिया है कि जब तक नीतीश कुमार और सुशील मोदी इस्तीफा नहीं देंगे वो मानसून सत्र चलने नहीं देंगे। नीतीश पर मर्डर केस दर्ज है। इस नाते उन्हें इस्तीफा देना होगा।
वहीं, पिछली सरकार में तीन साल उपमुख्यमंत्री के पद पर सुशील मोदी ने उनके साथ काम किया और उस दौरान उन्होंने नीतीश के खिलाफ कुछ नहीं बोला, इसलिए उन्हें भी इस्तीफा देना होगा।
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