सोनिया का हस्तक्षेप, बना रहेगा महागठबंधन
बिहार की सियासत में पिछले दो-तीन दिनों से मचे घमासान का पटाक्षेप होने लगा है.
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महागठबंधन के बीच चल रही खींचतान के बीच शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की लालू प्रसाद व नीतीश कुमार से हुई बातचीत के बाद महागठबंधन टूटने से बच गया है. तेजस्वी यादव इस्तीफा तो देंगे पर इसकी समय सीमा अभी तय नहीं है.
समझा जाता है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद तेजस्वी इस्तीफा दे सकते हैं. इस बीच रांची से पटना पहुंचने पर लालू ने कहा कि सोनिया से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है. तेजस्वी या राजद का कोई भी मंत्री इस्तीफा नहीं देगा और महागठबंधन बना रहेगा.
इधर, सोनिया गांधी से बातचीत के बाद जदयू प्रवक्ताओं के सुर भी नरम पड़े हैं. शुक्रवार की सुबह से ही जदयू प्रवक्ता आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए थे.
जदयू प्रवक्ता साफ कह चुके थे कि लालू प्रसाद को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना चाहिए. इसके साथ ही दबी जुबान से तेजस्वी से इस्तीफा भी मांग रहे थे.
भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो जदयू द्वारा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग और लालू प्रसाद को अगले चार दिनों का अल्टीमेटम दिये जाने के बाद लालू प्रसाद गंभीर हो गये थे. उन्होंने गुरुवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संदेश भिजवा दिया था कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत राजद के सभी मंत्री इस्तीफा दे देंगे लेकिन सरकार को राजद का बाहर से समर्थन जारी रहेगा. उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों को रोकने का हवाला देते हुए नीतीश कुमार को नसीहत दी थी कि राजद आपके साथ है.
लालू के इस संदेश से नीतीश सकते में आ गये. इसके फौरन बाद जदयू प्रवक्ताओं ने राजद पर हमला तेज कर दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी को बुलाया और मैडम यानी सोनिया गांधी से बात कराने को कहा.
डॉ. अशोक चौधरी की पहल पर सोनिया गांधी ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार से फोन पर बात की. उन्होंने किसी भी कीमत पर महागठबंधन नहीं टूटने देने का सुझाव दिया.
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