प्रर्वतन निदेशालय की लालू को मनी लांड्रिंग में बुक करने की तैयारी
प्रर्वतन निदेशालय अब पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों से इतनी मोटी रकम का हिसाब लेगा.
लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो) |
डील में कितने की डील हुई अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बताना होगा. प्रर्वतन निदेशालय अब पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों से इतनी मोटी रकम का हिसाब लेगा. ईडी ने सीबीआई के एफआईआर के आधार पर उनको मनी लांड्रिग में बुक करने की तैयारी कर ली है.
सूत्रों के अनुसार ईडी मनी लांड्रिग के तहत 2004 से 2014 के बीच हुई डील की जांच करेगी जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों के नियंत्रण को पहले आईआरसीटीसी को सौंपा गया और फिर इसका रखरखाव, संचालन और विकास का काम पटना स्थित सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया.
सूत्रों के अनुसार ईडी इस बात की जांच की तैयारी कर रहा है कि आखिर इस डील में कितने की डील हुई जिसके कारण 2004 से 2014 के बीच निविदाएं देने की धांधली की गयी और निजी पक्ष (सुजाता होटल) को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की शर्तों को हल्का कर दिया गया.
इसके बदले में पूर्वी पटना में तीन एकड़ जमीन को बेहद कम कीमत पर डिलाइट मार्केटिंग को दिया गया जो कि लालू यादव के परिवार के जानकार की है. फिर इसे लारा प्रोजेक्ट्स को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसकी मिलिकियत लालू के परिवार के सदस्य के नाम है. जांच में यह बात आयी है कि स्थानांतरण बेहद कम कीमत पर किया गया.
ईडी ने इस बात की जांच करने का खाका तैयार कर लिया है जिसके तहत कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने सुजाता होटलों के मालिकों, उनके विश्वासपात्र प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आईआरसीटीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर स्वयं और दूसरों के अनुचित लाभ के पीछे का खेल क्या है. उसमें आरोप लगाया गया कि विनय कोचर ने 25 फरवरी 2005 को पटना में तीन एकड़ जमीन के रूप में एक व्यावसायिक संपत्ति को 10 बिक्री नामों के जरिए डिलाइट मार्केटिंग को 1.47 करोड़ रुपए में बेचा गया था.
डिलाइट मार्केटिंग की निदेशक सरला गुप्ता थी जो कि एक मुखौटे के तौर पर लालू प्रसाद यादव के स्थान पर कंपनी की एक बेनामी धारक थी.
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