अथॉरिटी ने लाइसेंस रद्द किया, कोर्ट ने स्टे दिया

Last Updated 18 Jun 2017 04:14:48 AM IST

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के पेट्रोल पम्प का लाइसेंस रद्द कर दिया.


राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव (file photo)

हालांकि इस कार्रवाई के महज कुछ घंटे बाद ही पटना व्यवहार न्यायालय की एक दीवानी अदालत ने बीपीसीएल के इस फैसले पर अंतरिम रोक लगाते हुए उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया है. प्रभारी अवर न्यायाधीश (11) जावेद अहमद खान ने मंत्री यादव की ओर से दाखिल किये गये टाइटल सूट में अलग से दाखिल निषेधाज्ञा आवेदन पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. अदालत ने बीपीसीएल को पेट्रोल आवंटन के मामले में 23 जून 2017 तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

इससे पहले बीपीसीएल पटना के क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष कुमार ने लारा ऑटोमोबाइल के प्रोपराइटर तेजप्रताप यादव को सूचित किया कि पटना के चितकोहरा में पेट्रोल पम्प के आवंटन से संबंधित लाइसेंस को रद्द कर दिया गया. कम्पनी की ओर से बताया गया कि जमीन का दस्तावेज नियमानुकूल नहीं पाये जाने के कारण यह कार्रवाई की गयी है. जमीन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए यादव को 29 मई नोटिस भेजा गया था जिसका वह उचित जवाब नहीं दे सके.

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के उपक्रम बीपीसीएल ने 29 मई को स्वास्थ्य मंत्री यादव को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर न्यू बाइपास स्थित पेट्रोल पंप आवंटित कराने के संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया था. नोटिस में कहा गया था कि तेजप्रताप यादव ने पेट्रोल पम्प के लिए आवेदन करते समय बताया था कि उनके पास रिटेल आउटलेट के लिए पटना के चितकोहरा में बाइपास के किनारे प्लॉट संख्या 1616 और 1614 पर 43.535 डिसमिल जमीन उपलब्ध है जो एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से है.

नोटिस में कहा गया था कि आवेदन के समय तेजप्रताप ने छोटे भाई और एके इंफोसिस्टम्स के मालिक तेजस्वी यादव के द्वारा उनके पक्ष में सात जनवरी 2012 को किये गये रजिस्र्टड लीज डीड 451 और 11 जनवरी 2012 के दो सहमति पत्र की प्रति भी दी थी. 28 अप्रैल 2017 को चन्द्रशेखर और अन्य ने शिकायत की थी कि तेजप्रताप यादव ने रिटेल आउटलेट के लिए झूठा दावा किया कि उनके पास जमीन है, जबकि यादव को जब पेट्रोल पम्प आवंटित किया गया था उस समय उनके पास न तो जमीन थी और न ही इसके लिए लीज एग्रीमेंट ही था.

इतना ही नहीं यादव एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड में न तो निदेशक थे और न ही इस कम्पनी ने उनके साथ लीज एग्रीमेंट ही किया था. बीपीसीएल ने नोटिस में कहा था कि आवंटन की एक शर्त यह भी थी कि जिसे पेट्रोल पंप आवंटित किया जायेगा वह दिन प्रतिदिन डीलर के कामकाज को स्वयं देखेंगे और यदि वह कहीं और नियोजित हैं तो उन्हें रिटेल आउटलेट लेने से पहले इस्तीफा देना होगा. नोटिस में कहा गया है कि यादव बिहार के स्वास्थ्य, लघु जल संसाधन और पर्यावरण एवं वन विभाग के मंत्री का भी दायित्व संभाल रहे हैं जिसके कारण वह स्वयं डीलर के दिन प्रतिदिन के कायरें को नहीं देख सकते हैं. ऐसे में यह रिटेल आउटलेट आवंटन की शर्त का उल्लंघन है.

इस बिंदू पर यादव के जवाब पर असंतोष जताते हुए बीपीसीएल ने कहा है कि राज्य सरकार में मंत्री पद की जिम्मेवारी संभालते हुए उन्हें नहीं लगता है कि यादव स्वयं डीलर के कायरें को दिन प्रतिदिन देख सकते हैं. यह रिटेल आउटलेट आवंटन की एक शर्त थी. गौरतलब है कि बिहार भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में राजद अध्यक्ष यादव और उनके परिवार के खिलाफ आरोप लगाते हुये कहा था कि केन्द्र की तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2011 के दौरान राजद अध्यक्ष यादव के बड़े पुत्र एवं वर्तमान में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने पटना के न्यू बाइपास स्थित बेउर के निकट गलत दस्तावेजों के आधार पर अधिकारियों की मिलीभगत से भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पंप अपने नाम करा लिया है.

मोदी ने कहा था कि तेजप्रताप ने वर्ष 2011 में इस पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया और साक्षात्कार दिया था उस समय राष्ट्रीय उच्च पथ 30 पर न्यू बाईपास की 43 डिसमिल जमीन उनके पास नहीं थी. पटना के निकट बिहटा में बीयर फैक्ट्री लगाने वाले व्यवसायी अमित कत्याल ने नौ जनवरी 2012 को ए. के. इन्फोसिस्टम्स के प्रबंध निदेशक के नाते राजद अध्यक्ष के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को पेट्रोल पंप लगाने के लिए 136 डिसमिल जमीन लीज पर दी.

वार्ता


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment