बिहार में शराब नहीं आये और न मिले यह सुनिश्चित किया जाय : नीतीश

Last Updated 11 May 2017 05:21:55 AM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को कहा कि बिहार में शराब नहीं आये और न मिले यह सुनिश्चित किया जाय.


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (file photo)

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के मद्देनजर शराब के सेवन और इसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार के सघन अभियान छेडे जाने के बीच जब्ती के बाद पुलिस मालखाना में रखी करीब नौ लाख लीटर से अधिक शराब के कथित रूप से चूहों द्वारा गटक जाने का मामला पिछले सप्ताह प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज निर्देश दिया कि बिहार में न तो शराब आये और मिले ही नहीं यह सुनिश्चित किया जाय.

कुमार ने मुख्य सचिवालय स्थित सभाकक्ष में शराबबंदी के संबंध में सरकार के निर्णय का कठोरता से पालन करने के हर बिन्दू की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शराबबंदी के संबंध में सरकार के निर्णय का कठोरता से पालन करने के बिन्दू पर विस्तृत समीक्षा की.

समीक्षा बैठक में विडियो कॉन्फेंसिंग से सभी जोनल आईजी, प्रमण्डलीय आयुक्त डीआईजी, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जुडे हुये थे.

उन्होंने खासकार शहरों में शराब मिलने, शराब माफियाओं को पकडने, उनके वाहनों, घर एवं संपति को नीलाम करने के बिन्दू पर कठोरता बरतने के संबंध में समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराब नहीं आये और न मिले यह सुनिश्चित किया जाय. विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस बिन्दू पर भी निर्देश दिये गये कि अगर कोई कर्मी भी इसमें संलिप्त पाया जाए तो उसपर कठोर कर्रवाई सुनिश्चित हो.

उन्होंने बारी-बारी से सभी जिलों के साथ समीक्षा की और शराबबंदी के हर बिन्दू पर चर्चा करते हुये विस्तृत निर्देश दिये.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि शराब माफिया जो अवैध व्यापार कर रहे हैं और जो शराब बाहर से ला रहे हैं, उनपर कठोर कर्रवाई करें.

उन्होंने निर्देश दिया कि जो भी गडबडी कर रहे हैं उनपर सख्त कर्रवाई सुनिश्चित करें. साथ ही, मातहत कर्मियों के काम पर भी नजर रखें. गडबडी करने वालों को किसी भी सूरत पर नहीं बख्शा जाय.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे हर दिन प्रगति की समीक्षा करें अपने सोत से सूचना संग्रहित करें तथा कार्रवाई सुनिश्चित करें.
उन्होंने कहा कि सख्ती से काम करेंगे तो यह धंधा पूरी तरह रूक जायेगा और पूरे देश में संदेश जायेगा.

नीतीश ने कहा कि बिहार का जनमत शराबबंदी के पक्ष में है. शराबबंदी के पक्ष में चार करोड लोगों ने प्रदेश में मानव श्रृखला बनायी. मुट्ठी भर लोग शराब का धंधा कर रहे हैं और चंद लोग सिस्टम को खराब कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि वह जोनल पुलिस महानिरीक्षकों से समीक्षा नहीं एक्शन चाहते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बिन्दू पर ध्यान रखेंगे तो यह धंधा नही चल सकता. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समर्पित टीम बनायें, बडे माफिया को पकडें, रूटिन कर्रवाई नहीं बल्कि सख्त कर्रवाई हो. इस मामले में किसी तरह की शिथिलता नहीं आनी चाहिये.

इस अवसर पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, मद्य निषेध निबंधन एवं उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव अमीर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव आतीश चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक आलोक राज, पुलिस महानिरीक्षक जीएस गंगवार, सहित पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के मद्देनजर शराब के सेवन और इसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार के सघन अभियान छेडे जाने के बीच राज्य में जब्त किए गए पुलिस मालखाना में रखे करीब 9 लाख लीटर से अधिक शराब के चूहों द्वारा गटक जाने को लेकर मीडिया में आयी रिपोर्ट के आधार पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.

अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस के सिंघल ने बताया था कि पटना क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 13 महीने के दौरान 9.15 लाख लीटर अल्कोहल, देशी और विदेशी शराब जब्त किए गए और पुलिस क्राईम मीटिंग के दौरान यह बात सामने आयी कि इसमें से एक बडा हिस्सा पुलिस थाना लाने के क्र म में बरबाद हो गए जबकि उतनी ही बडी मात्रा को चूहे पुलिस मालखाना में हजम कर गए.

पटना क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नय्यर हसनैन खान ने बताया था कि उन्होंने पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पुलिस मालखाने से इसका भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

उल्लेखनीय है कि नीतीश सरकार ने गत वर्ष अप्रैल महीने से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी और इसे लागू करने के लिए पुलिस एवं मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग द्वारा अपने-अपने स्तर से विशेष अभियान चलाया गया.

भाषा


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