बिहार: शहाबुद्दीन मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

Last Updated 29 Sep 2016 01:18:05 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया. इस पर शुक्रवार फैसला आने की सम्भावना है.


(फाइल फोटो)

न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ ने सभी सम्बद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

न्यायालय इस पर शुक्रवार अपना फैसला सुनाएगा. सुबह साढे दस बजे सुनवाई एक बार फिर शुरू हुई और करीब सवा दो घंटे तक बहस चली. शहाबुद्दीन की ओर से गुरूवार भी वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफडे ही पेश हुए.

ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी अंतिम मौके पर बहस करने आ सकते हैं, लेकिन गुरूवार भी वह अदालत कक्ष में नहीं थे.
         
तेजाब कांड के चश्मदीद गवाह की हत्या मामले में पटना उच्च न्यायालय द्वारा मिली जमानत के खिलाफ पीड़ति पिता चंद्रकेर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने तथा राजनीतिक दबाव के बाद बिहार सरकार ने याचिकाएं दायर की हैं.



याचिकाकर्ताओं की मांग है कि राजद के पूर्व सांसद को मिली जमानत रद्द की जाये और उसे तत्काल जेल भेजा जाए. चंदा बाबू की ओर से जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने पैरवी की.
         
उधर शहाबुद्दीन की ओर से बहस कर रहे श्री नाफडे ने शहाबु्द्दीन का पक्ष रखते हुए दलील दी कि आरोप पा में उनके मुवक्किल को आरोपी नहीं बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अभियोजन एजेंसी के आरोप पा और पूरक आरोप पा में भी कमी पाई गई है.
         
नाफडे ने सवाल खड़े किये कि शहाबुद्दीन से जुड़े आरोप पा को अदालत को क्यों नहीं सौंपा गया. उनके मुवक्किल को बेवजह सिवान जेल से भागलपुर जेल भेजा गया.

इस मामले में बुधवार भी सुनवाई हुई थी, लेकिन समय समाप्त होने के कारण इसे गुरूवार के लिए टाल दिया गया था.

वार्ता


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