बिहार: चारा घोटाले में सीबीआई की अपील पर सुनवाई 10 नवम्बर तक टली
उच्चतम न्यायालय ने बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अपील पर सुनवाई 10 नवम्बर तक स्थगित कर दी.
लालू प्रसाद यादव |
झारखंड उच्च न्यायालय ने नवंबर 2014 में श्री यादव को राहत देते हुए घोटाले की साजिश रचने के आरोप हटा दिए थे. उच्च न्यायालय ने फैसले में कहा था कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती. हालांकि फैसले में यह भी कहा गया था कि श्री यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की दो अन्य धाराओं के तहत मुकदमा जारी रहेगा.
सीबीआई ने राजद प्रमुख के खिलाफ आरोप हटाने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई के दौरान यादव की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने दलील दी कि सीबीआई ने झूठी अर्जी दाखिल की है और उसने तथ्यों को छुपाया है.
जेठमलानी ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने में हुई देरी पर भी सवाल खड़े किये हैं. उन्होंन दलील दी कि पहले यह तय होना चाहिए कि सीबीआई की याचिका सुनवाई योज्ञ है या नहीं.
सीबीआई ने दलील दी कि वह बचाव पक्ष के आरोपों का जवाब देगी. हालांकि जेठमलानी ने न्यायालय से आग्रह किया कि उन्हें पहले बहस का मौका दिया जायेगा, लेकिन शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 10 नवम्बर को तय करते हुए स्पष्ट कर दिया कि पहले अभियोजन एजेंसी को मौका दिया जायेगा.
करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं.
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