पत्रकार हत्याकांड: शहाबुद्दीन, तेज प्रताप को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Last Updated 23 Sep 2016 01:28:24 PM IST

बिहार में सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या मामले में उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और राज्य सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव से शुक्रवार को जवाब तलब किया.


शहाबुद्दीन, तेज प्रताप को SC का नोटिस (फाइल फोटो)

उच्चतम न्यायालय ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले में सीबीआई को शुक्रवार को जांच पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया तथा इसके साथ ही बिहार पुलिस को निर्देश दिया कि वह रंजन के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए.

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिहार के सीवान से मामला दिल्ली स्थानांतरित करने के रंजन की पत्नी के आग्रह पर राजद नेता शहाबुद्दीन, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताव यादव को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है.

शीर्ष अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख 17 अक्टूबर को अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट दायर करे.

पीठ ने सीवान के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह रंजन की पत्नी आशा रंजन तथा उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराएं.

आशा ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि मीडिया की खबरों में उसके पति के दो फरार हत्यारों को हाल में जेल से रिहा राजद नेता शहाबुद्दीन तथा स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप के साथ दिखाया गया था. उन्होंने इस आधार पर मामले की जांच तथा मुकदमा दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया है.

रंजन की पत्नी ने याचिका में सीबीआई को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया था कि वह इस तथ्य के मद्देनजर जांच तत्काल अपने हाथ में ले ले कि भगोड़ा अपराधी मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद राजद नेता शहाबुद्दीन तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ दिखे जहां कई पुलिसकर्मी मौजूद थे. कैफ ने 21 सितंबर को सीवान जिला अदालत में समर्पण कर दिया था.

रंजन एक दैनिक अखबार में काम करते थे. सीवान शहर में 13 मई की शाम कुछ शार्प शूटरों ने रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मामले में आरोप लगा है कि उनकी हत्या उस समय जेल में बंद शहाबुद्दीन के इशारे पर की गई थी.

याचिका में कहा गया कि रंजन के परिवार द्वारा शहाबुद्दीन का नाम लिए जाने के बावजूद सीवान पुलिस ने प्राथमिकी में प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में उसका नाम दर्ज नहीं किया.

इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि चंद्रशेखर प्रसाद के तीन पुत्रों की हत्या को लेकर रंजन द्वारा लिखी गई कुछ खबरों से शहाबुद्दीन नाराज था. राजद नेता पर कई मामले चल रहे हैं और एक मामले में उसे दोषी ठहराया जा चुका है तथा उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है.

पटना उच्च न्यायालय ने शहाबुद्दीन को सात सितंबर को जमानत दी थी और उसे 10 सितंबर को भागलपुर जेल से रिहा कर दिया गया था. वह दर्जनों मामलों में 11 साल से जेल में बंद था.

सीबीआई ने शुरू की दूसरे संदिग्ध की तलाश

इस साल 13 मई को बिहार के सिवान जिले में हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में दूसरे संदिग्ध मोहम्मद जावेद का पता लगाने के लिए सीबीआई ने शुक्रवार को एक अभियान शुरू किया.

इस मामले में मुख्य संदिग्ध मोहम्मद कैफ ने 21 सितंबर को सिवान की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद वह न्यायिक हिरासत में है.

एजेन्सी के सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह जांच शुरू करने के बाद एजेन्सी ने सिवान में एक कैंप ऑफिस स्थापित किया जहां शार्प शूटर जावेद का पता लगाने के लिए उसके रिश्तेदारों को बुलाया गया.

उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेन्सी का दल जावेद के घर गया तथा अन्य कई स्थानों पर भी उसकी तलाश की जा रही है.

सूत्रों ने बताया कि आगे की जांच के लिए सीएफएसएल से फॉरेन्सिक विशेषज्ञों का एक दल भी जल्द ही यहां आएगा.

पत्रकार की हत्या को चार माह बीत चुके हैं और सीएफएसएल के विशेषज्ञों की मदद से अपराध स्थल को ‘रीक्रिएट’ कर सूचनाओं के मध्य तारतम्य स्थापित किया जाएगा और सबूत जुटाए जाएंगे. साथ ही स्थानीय पुलिस द्वारा एकत्र प्रमाणों का विश्लेषण किया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि जांच दल जल्द ही सिवान जाएगा और उसके साथ कुछ विशेषज्ञ भी होंगे ताकि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके.

पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के संबंध में सीबीआई ने 15 सितंबर को अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

भाषा


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