बिहार: नीतीश कुमार ने फहराया झंडा कहा- नीतियां ऐसी बननी चाहिए जिससे पिछड़े राज्यों को भी आगे आने का मौका मिले

Last Updated 15 Aug 2016 12:59:17 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि देश में नीतियां ऐसी बननी चाहिए जिससे कि जो पिछडे राज्य हैं उन्हें भी आगे आने का मौका मिले.


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहराने के बाद अपने संबोधन में नीतीश ने 12वीं पंचवर्षीय योजना से इतर वर्ष 2030 तक के लिए दृष्टिपत्र और रणनीति तैयार करने को लेकर नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के पत्र जिसका उन्होंने गत 13 अगस्त को जवाब दिया है का जिक्र करते हुए कहा कि अगर केंद्र संपूर्ण देश का एक तरह से विकास चाहता है तो उसे ऐसी नीतियां बनानी होगी कि जो राज्य पिछडे हैं उसपर विशेष ध्यान देना होगा.
   
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की नीतियां बनायी जानी चाहिए और इसी को ध्यान में रखकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जरूर मिलना चाहिए ताकि यहां और उद्योग लगें और युवाओं को रोजगार मिल सके.
   
विपक्ष के बिहार में शराबबंदी के कारण उससे प्राप्त होने वाली राजस्व की हानि के कारण प्रदेश में आर्थिक समस्या उत्पन्न होने तथा हाल में केंदीय सांख्यिकी संगठन (एसएसओ) द्वारा जारी आंकडों में बिहार की विकास दर 2015-16 में घटकर करीब आधा 7.14 प्रतिशत हो जाने को लेकर राज्य सरकार को निशाना बनाए जाने की की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा हमारी आर्थिक स्थिति बेहतर होती चली गयी है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005-06 में जब बिहार वासियों ने मुझे काम करने का पहली बार अवसर प्रदान किया था उस साल का वाषिर्क बजट 22600 करोड रूपये का था जो दस वर्षो में बढकर 2016-17 में एक लाख 44 हजार करोड रूपये हो गया है.
   
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अब किन्हीं को यह आर्थिक प्रगति नहीं दिखायी पडती है तो मैं उनकी कोई सहायता नहीं कर सकता हूं लेकिन आंकडे इस बात के सबूत हैं कि कितनी तेजी से प्रगति हुई है.
   
नीतीश ने कहा कि इसी प्रकार बिहार में योजना का व्यय जो पहले 4300 करोड रूपये (वर्ष 2005-06 में) था वह अब 2015-16 में बढकर 53400 करोड रूपये हो गया है.
   
उन्होंने कहा कि बिहार में वर्ष 2005-06 में कर राजस्व की प्राप्ति 3500 करोड रूपये हुई थी वह 2015-16 में बढकर 25400 करोड रूपये हो गया है.

   
नीतीश ने कहा कि अगर विकास नहीं हुआ और हालात नहीं बदले और लोग बेहतरी की ओर नहीं गए आर्थिक तरक्की नहीं हो रही है तो टैक्स की इतनी रकम कहां से आ रही है.
   
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षो में 2004-05 के स्थिर मूल्यों पर बिहार का औसत विकास दर दस प्रतिशत से अधिक रहा है और जो हमारे न्याय के साथ विकास कार्यक्रम रहे हैं जिसके तहत और समाज के हर तबके का उत्थान, हर इलाके का विकास, इसी को विकास कहते हैं. विकास का मतलब यह नहीं है कि विकास के कुछ टापू अथवा द्वीप बन जाएं (एक राज्य विकसित होता चला जाए और दूसरा राज्य पिछडता रहे). विकास का मतलब होता है इसका लाभ और रौशनी हर घर तक पहुंचे. इसी को हम मानते हैं न्याय के साथ विकास.
   
नीतीश ने कहा कि बिहार में बुनियादी ढांचे सहित हर क्षेत्र में विकास लोगों के सामने है और जारी कार्यक्र मों को आगे बढाते हुए 2015 से 2020 तक के लिए सुशासन के कार्यक्र म तय किए हैं.
   
उन्होंने कहा कि इसके तहत कृषि रोडमैप, मानव एवं कौशल विकास, आधारभूत संरचना, औद्योगिक प्रोत्साहन एवं निवेश के कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा की योजना से लाखों लोग लाभांवित हुए हैं तथा इसे और आगे बढाना चाहते हैं.

नीतीश ने कहा कि बिहार में गरीब लोग शराब से बहुत तबाह थे. गांव में कलह, झगडा और मारपीट का माहौल था. शराबबंदी के बाद से सब जगह शांति है. सामाजिक सुधार के लिए इतना अद्वभुत काम किया गया और इसमें महिला सहित सबका सहयोग मिला है.
   
उन्होंने कहा कि आज बिहार में कानून का राज है और सांप्रदायिक सदभाव एवं सामाजिक सौहार्द का माहौल है और इसके लिए बिहार के वासी बधायी के पात्र हैं. समाज में प्रेम, भाईचारे और सदभाव का यह माहौल कायम रहे और जबतक यह कायम रहेगा दुनिया की कोई ताकत बिहार को आगे बढने से नहीं रोक सकती.
   
नीतीश ने कहा कि कई प्रकार से उत्तेजना फैलाने की कोशिश होती है लेकिन लोग धर्य का परिचय देते हैं. यह बहुत बडी बात है. बिहार में शांति एवं कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए जो भी कदम उठाए जाने हैं वह उठाए जाते रहे हैं.
   
उन्होंने कहा कि आजकल सोशल मीडिया का भी दुरूपयोग हो रहा है. कोई किसी को वाट्सएप पर संदेश भेजता है और बवाल मचता है. मैं सबसे आग्रह करूंगा कि जानबूझकर

लोगों में उत्तेजना पैदा करने के लिए इस प्रकार के संदेश अगर भेजे जाते हैं तो उसको नजरअंदाज किया जाना और उसका शिकार हम में से किसी को नहीं होना चाहिए.
 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment