मोतिहारी पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम, एक आरोपी गिरफ्तार

Last Updated 25 Jun 2016 03:58:19 PM IST

मोतिहारी गैंगरेप मामले पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार से रिर्पोट मांगी है.


फाइल फोटो

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को मोतिहारी भेजा है.

वहीं इस मामले में पुलिस गैंगरेप के मुख्य आरोपी शमीउल्लाह को मोतिहारी के छतौनी थाना क्षेत्र के बस स्टैण्ड से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि शमीउल्लाह कोर्ट में समर्पण करने जा रहा था.

मोतिहारी में 13 जून को बच्ची के साथ गैंगरेप किया गया था और उसके बाद बच्ची के साथ दरिंदगी की गयी थी.

इस केस मे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए वहां के एसएसपी ने यह कहा की पीड़िता ने इस मामले में बलात्कार का जिक्र नहीं किया है. क्योंकि शुरुआती दौड़ में स्थानीय थानेदार ने पीड़ित का सुनवाई नहीं की थी.

एक वकील समाज सेविका के दखल के बाद इस केस को दर्ज किया गया था जिसमे केस को हलका करने के सारे उपाय किये गये थे. इस घटना को लेकर भाजपा ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है

दुष्कर्म कांड पर सरकार कर रही लीपापोती: भाजपा

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्वी चम्पारण के रामगढ़वा में एक नाबालिग लड़की के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना को सरकार के इशारे पर पुलिस रफा-दफा करने में लगी हुई है.

सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई लड़की जहां मौत से जूझ रही है वहीं नामजद प्राथमिकी के बावजूद आरोपित अब तक पकड़ा नहीं गया है.

बलात्कार की घटना की परिजनों द्वारा सूचना दिए जाने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज होने में पांच दिन क्यों लगे? 10 दिन बाद पीड़िता की मेडिकल जांच कराने का क्या औचित्य है? नाबालिग से बलात्कार के आरोप के बावजूद पास्को के तहत मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया? बलात्कार से जुड़े मामले की किसी महिला पुलिस पदाधिकारी से जांच के प्रावधान के बावजूद एक पुरुष एएसआई को जांच का जिम्मा क्यों दिया गया है? बलात्कार जैसे गंभीर आरोप होने के बावजूद अब तक सेक्शन 164, सीआरपीसी के तहत पीड़िता का बयान दर्ज क्यों नहीं किया गया है?

दरअसल सरकार को बदनामी से बचाने के लिए पुलिस इस मामले की लीपापोती में जुटी हुई है.

पूर्वी चम्पारण की घटना ने निर्भया कांड को भी पीछे छोड़ा: मंगल

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने कहा है कि राज्य में अपराध नियंत्रण का सरकार का दावा पूरी तरह झूठा और खोखला है.

युवती अब भी अस्पताल में तड़प रही है और गैंगरेप में विफल दबंग लोग उसके परिजनों को डराने-धमकाने में लगे हैं.

मंगल पाण्डेय ने कहा कि घटना के 48 घंटे के बाद प्राथमिकी और सात दिन के बाद मेडिकल जांच की कार्रवाई मामले की लीपापोती की साजिश है.

चूंकि दरिंदों को सत्ताधारी दल का राजनीतिक संरक्षण है इसलिए पुलिस कार्रवाई करने में अपने हाथ पीछे खींचने को मजबूर हो रही है

 



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