नीतीश का विकसित बिहार के लिए सात सूत्र पर अमल का संकल्प

Last Updated 28 Aug 2015 04:17:40 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निश्चय पत्र जारी करते हुए अपनी अगले पांच साल की योजनाओं का खुलासा किया.


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगले पांच वर्ष के लिए युवाओं और महिलाओं के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पेयजल से जुड़ी दो लाख 70 हजार करोड़ रुपये की कार्ययोजना से संबंधित अपना निश्चय पत्र जारी करते हुए कहा कि यदि उन्हें फिर से राज्य की सेवा का मौका मिला तो वह इसे .मिशन मोड. में क्रियान्वित करेंगे. जिससे राज्य सर्वांगीण विकास का नया कीर्तिमान स्थापित करेगा .

श्री कुमार ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में अपना सात सूी निश्चय पत्र जारी करते हुए कहा कि वह किसी दल. गठबंधन या सरकार की ओर से नहीं बल्कि व्यक्तिगत हैसियत से
अपने अनुभवों और काम के आधार पर अगले पांच वर्ष के लिए सात सूी निश्चय की घोषणा कर रहे हैं .

उन्होंने कहा कि बिहार देश के सबसे युवा बहुल राज्यों में से एक है . बिहार की नयी पीढ़ी को शिक्षा. कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए सक्षम बनना राज्य के न्याय के साथ विकास की नीति का महत्वपूर्ण अंग है .

इसलिए उन्हें फिर से मौका मिला तो युवाओं के लिए समेकित कार्ययोजना लागू की जायेगी जिसपर करीब 49 हजार 800 करोड़ रूपया खर्च संभावित है .

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 वीं कक्षा पास कोई भी छा-छा जो आगे उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें राज्य सरकार की ओर से .स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड. उपलब्ध कराया जायेगा जिसके माध्यम से वे किसी भी बैंक से चार लाख रूपये तक का शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे .

इस ऋण पर लगने वाले व्याज पर तीन प्रतिशत की व्याज सहायता राज्य सरकार वहन करेगी . उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों में युवाओं के लिए एक पंजीकरण एवं रोजगार परामर्श केन्द्र स्थापित किया जायेगा जहां उनका पंजीकरण होगा और रोजगार के विभिन्न अवसरों से भी उन्हें अवगत कराया जायेगा .

श्री कुमार ने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रखंड स्तर पर स्थापित कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों में युवाओं को भाषा एवं संवाद कौशल , बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान के साथ एक अन्य कौशल भी
प्रदान किया जायेगा. इन केन्द्रों की स्थापना एवं कार्याकलाप पर होने वाले सारे खर्च का वहन राज्य सरकार अपने संसाधन से करेगी.

मुख्यंमी ने कहा कि किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने वाले 20 से 25 आयु वर्ग के बेरोजगार युवाओं को राज्य सरकार स्वयं सहायता भत्ता देगी . यह भत्ता ऐसे बेरोजगार
युवाओं को दो बार ही मिल सकेगा और एक बार में यह भत्ता प्रति माह एक हजार रूपये की  दर से नौ माह के लिए देय होगा. उन्होंने कहा कि यह भत्ता युवा वर्ग को रोजगार तलाशने में
सहायक होगा.

श्री कुमार ने कहा कि युवाओं की उद्यमिता विकास और स्टार्टअप कैपिटल के लिए 500 करोड़ रूपये का . वेंचर कैपिटल फंड. गठित किया जायेगा जिसके माध्यम से ऐसे युवाओं को वित्तीय
सहायता दी जायेगी जो उद्योग लगाकर स्वरोजगार करना चाहते हैं.

इसके साथ ही इन्कयूवेशन सेंटर भी स्थापित किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नि:शुल्क वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इन सभी योजनाओं पर कुल 49800 करोड़ रूपये खर्च होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया है और इसी के तहत स्थानीय निकाय के चुनाव में उनके लिए 50 प्रतिशत तथा पुलिस की नियुक्तियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें फिर से मौका मिला तो उनकी सरकार राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देगी. 

श्री कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य , स्वच्छता और महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी घरों में शौचालय निर्माण की योजना कार्यान्वित की जायेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय विहीन एक करोड़ 64 लाख परिवार और शहर 7 लाख 52 हजार परिवार को इस योजना से आच्छादित किया जायेगा.

इस योजना के क्रियान्वयन पर 28 हजार 700 करोड़ रूपये का खर्च संभावित है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें फिर मौका मिला तो गांव और शहर के सभी घरों को पाईप जलापूर्ति से जोड़कर लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जायेगा. इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के एक करोड़ 79 लाख और शहरी क्षेा के 16 लाख परिवार लाभान्वित होंगे.

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लगभग 47 हजार 700 करोड़ रूपये का खर्च संभावित है.

श्री कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन के बाद बचे राज्य के सभी संपर्कविहीन बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा. इसके साथ ही सभी गांवों एवं शहरों में गली, नाली का निर्माण कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं पर करीब 78 हजार करोड़ रूपये श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2016 के अंत तक राज्य के सभी बसावटों में बिजली उपलब्ध करा दी जायेगी.

इसके बाद सरकार अपने संसाधन से सभी घरों को बिजली का कनेक्शन देगी ताकि हर घर रौशन हो सके. इस योजना के तहत 55 हजार 600 करोड़ रूपये खर्च होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र एवं राज्य के आर्थिक- सामाजिक उत्थान में युवाओं का योगदान, उच्च शिक्षा के विकास एवं कुशल कामगारों के आपूर्ति पक्ष को मजबूत करने के उद्देश्य से जिला एवं अनुमंडल में उच्च व्यवसायिक एवं तकनीकी शिक्षा की समेकित व्यवस्था की जायेगी.

इसके तहत प्रत्येक जिले में जीएनएम स्कूल , पारा मेडिकल इंस्टिच्यूट , पॉलीटेक्निक कॉलेज , महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान , अभियांण कॉलेज , सभी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज , प्रत्येक अनुमंडल में एएनएम स्कूल , सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा राज्य में पांच और नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जायेगी. इस पर करीब 10 हजार 300 करोड़ रूपये का खर्च संभावित है.

श्री कुमार से जब यह पूछा गया कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि कहां से आयेगी तब उन्होंने कहा कि संभावित संसाधनों का आंकलन करने के बाद संतुष्ट होने पर ही इसके लिए कार्ययोजना बनायी है.

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सत्ता संभाली थी तब राज्य का योजना आकार चार हजार करोड़ रूपये का था जो आज बढ़कर 57 हजार करोड़ रूपये तक पहुंच गया है. इसी तरह इस अवधि में राज्य का बजट 26 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 20 हजार करोड़ हो गया है.

 मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वही कहते हैं , जो वह कर सकते हैं. लोगों का उनपर भरोसा है और वह इसे टूटने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि इन कार्य योजनाओं को पूरा करने के लिए केन्द्र से पैकेज नहीं मांगेगे.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी कोई विसनीयता नहीं है. लोकसभा के चुनाव के समय उन लोगों ने जो वादा किया था , उसमें से एक भी वादा वह पूरा नहीं कर सके हैं.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment