विधान परिषद चुनाव : 152 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला शुक्रवार को

Last Updated 10 Jul 2015 06:45:08 AM IST

विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार कोटे की सभी 24 सीटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार को जिला मुख्यालयों में मतगणना होगी.


बिहार विधान परिषद

चुनावी दंगल में उतरे 152 उम्मीदवारों के भाग्य का पिटारा खुलेगा. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होगी और दोपहर बाद चुनाव परिणाम भी आने लगेंगे. सभी सीटों पर द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती के बाद ही अंतिम परिणाम आयेगा.

अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मणन ने बृहस्पतिवार को बताया कि मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी और आरक्षी अधीक्षकों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण वातावरण में चुनाव कराने की हिदायत दी गयी है. सभी निर्वाचन क्षेत्रों में टेबुल लगाये गये हैं. सभी टेबुल पर माइक्रो प्रेक्षक की नियुक्ति की गयी है. प्रत्येक चक्र की मतगणना के बाद परिणाम की घोषणा की जायेगी. मतगणना के पहले सभी मतदान केंद्रों के मतपत्रों को एक जगह पर मिला दिया जायेगा.

जितने भी वैध मत होंगे, उन्हें पहले छांट लिया जायेगा. 14 टेबलों पर वैध मतों का बंडल सौंप दिया जायेगा. इसके बाद मतों की गिनती शुरू होगी. सभी निर्वाची पदाधिकारी मतगणना की अगुआई करेंगे और नियुक्त प्रेक्षक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रेक्षण करेंगे. पटना, नालंदा, गया, औरंगाबाद, नवादा, भोजपुर, रोहतास, सारण, सीवान, गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, मुंगेर, बेगूसराय, सहरसा, भागलपुर, मधुबनी, पूर्णिया और कटिहार में मतगणना केंद्र बनाये गये हैं.

प्रीफ्रेंसियल काउंटिंग सिस्टम से होगी मतगणना

मतों की गिनती प्रीफ्रेंसियल काउंटिंग या सिंगल ट्रांसफरेबल सिस्टम से होगी. इस सिस्टम के मुताबिक जितने भी वोटर हैं उसका 50 प्लस वन वोट लाने वाला उम्मीदवार पाषर्द चुन लिया जाता है. यदि कोई पहले चरण में ही इतना वोट हासिल कर लेता है, तो फिर मतगणना खत्म हो जायेगी, लेकिन यदि पहले चक्र में उसे उतना वोट नहीं मिलता है, तो फिर सबसे कम वोट लाने वाला उम्मीदवार गिनती से बाहर हो जायेगा और उसे प्राप्त वोट बाकी उम्मीदवारों में वितरित कर दिया जायेगा.

यदि दूसरे चक्र में भी जीत के आंकड़े हासिल नहीं होते हैं तो इस बार भी सबसे कम वोट लाने वाला उम्मीदवार गिनती से बाहर हो जायेगा और उसके वोट बाकी बचे उम्मीदवारों में प्राथमिकता क्रम के मुताबिक फिर बांटे जायेंगे और यह क्रम तब तक चलता रहेगा, जब तक कोई एक उम्मीदवार को जीत का नंबर हासिल नहीं हो जाये. यही कारण है कि इस सिस्टम के जरिये या तो परिणाम पहले राउंड में ही आ जाते हैं या फिर इसमें बहुत देर भी हो सकती है. मालूम हो कि विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे की सभी 24 सीटों पर सात जुलाई को वोटिंग हुई थी और 94 फीसद से अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था.



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