गिरफ्तार जदयू विधायक अनंत सिंह के समर्थक उतरे सड़कों पर
बिहार के पटना में एक स्थानीय अदालत ने जदयू के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को पटना जिला के बिहटा इलाके के एक अपहरण के मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
जदयू के बाहुबली विधायक अनंत सिंह |
विधायक के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में गुरुवार को बाढ और मोकामा में सड़क यातायात को बाधित किया और ट्रेनों को रोका.
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक ने बताया कि बंद समर्थकों ने मोकामा जंक्शन पर गुरुवार सुबह 6:30 बजे लाल किला एक्सपेस और सीमांचल एक्सप्रेस को जबरन रोका.
उन्होंने बताया कि बंद समर्थकों से निपटने और हालात को नियंत्रित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेल पुलिस को तैनात किया गया है.
समर्थकों ने बाढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर कई स्थानों पर अवरोधक डालकर सड़क को जाम कर रखा है और सड़क पर ही धरना पर बैठ गए हैं.
पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक विकास वैभव ने बताया कि बाढ इलाके में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में बलों की तैनाती की गयी है.
पटना जिला के बाढ थाना क्षेत्र में गत 17 जून को चार युवकों का अपहरण और उनमें से एक की हत्या के मामले में नाम आने के बाद मोकामा के विधायक अनंत सिंह के पटना स्थित सरकारी आवास और उनके लदमा गांव स्थित पैतृक आवास पर बुधवार को छापेमारी की गयी थी.
इसके बाद उन्हें बुधवार देर शाम नवंबर में बिहटा इलाके में एक अपहरण के पुराने में गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें देर रात दानापुर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी त्रिभुवन नाथ के समक्ष पेश किया गया जहां उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया.
अनंत सिंह के घर की तलाशी के दौरान पुलिस ने इंसास राइफल के छह मैगजीन और खून से सने कपड़े बरामद किए थे जिनकी डीएनए जांच करायी जाएगी कि वह अपहृत कर मार डाले गए पु्टुस यादव के खून से मेल खाते हैं या नहीं.
बिहार की नीतीश कुमार नीत जदयू सरकार का समर्थन कर रही राजद के प्रमुख लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा था कि मृतक युवक के परिजन ने उनसे मुलाकात की थी और उन्होंने इस मामले में समुचित कार्रवाई किए जाने के लिए मुख्यमंत्री को फोन किया. मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए कार्रवाई का भरोसा दिलाया था.
एक महिला के साथ बलात्कार मामले में प्रतिक्रिया लेने गए पत्रकारों से मारपीट, एक बिल्डर से दस करोड़ रूपये की रंगदारी मांगने सहित तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बारे में टिप्पणी जैसे कई मामलों को लेकर अनंत पूर्व में कई बार विवादों में रहे हैं.
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