जदयू विधायक अनंत सिंह गिरफ्तार

Last Updated 24 Jun 2015 10:24:20 PM IST

बिहार के सत्तारूढ़ जदयू विधायक अनंत सिंह को बुधवार को अपहरण एवं फिरौती के सिलसिले में ग्रामीण पटना के बीथिया से गिरफ्तार किया गया.


जदयू विधायक अनंत सिंह गिरफ्तार.

इस गिरफ्तारी से एक दिन पहले पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चार व्यक्तियों के अपहरण, हत्या में उनकी संलिप्तता का खुलासा किया था. यह मुद्दा बढ़कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती में तब्दील हो गया.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विकास वैभव ने कहा कि एक बिल्डर के अपहरण के मामले में अनंत सिंह को 2014 में ग्रामीण पटना के बिहटा से गिरफ्तार किया गया था. मोकामा के इस विधायक को सचिवालय पुलिस थाने में रखा गया है जहां उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर नारेबाजी की.

सिंह की गिरफ्तारी से पहले पटना एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने उनके आवास पर छापा मारा. यह छापा 17 जून को चार युवकों के अपहरण के सिलसिले में साक्ष्य एकत्र करने के लिए मारा गया. इनमें से एक युवक की बाद में हत्या कर दी गयी.

एसएसपी ने बताया कि उनके सरकारी आवास पर तलाशी के दौरान इंसास राइफल की चार मैगजीन और रक्त में सने कपड़े बरामद किये गये. इन कपड़ों को डीएनए परीक्षण के लिए भेजा जायेगा.

पुलिस द्वारा ले जाते समय विधायक ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. भले ही सिंह को आज एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया लेकिन पटना के निवर्तमान एसएसपी जितेन्द्र राणा द्वारा 17 जून को पटना जिले के बाढ़ ब्लाक में चार व्यक्तिों के अपहरण में सिंह की कथित संलिप्तता के खुलासे से नीतीश कुमार के लिए एक चुनौती उत्पन्न हो गयी है क्योंकि जदयू के सहयोगी राजद ने सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है.

राजद प्रवक्ता मुंद्रिका सिंह यादव ने संवाददाताओं को बाद में बताया कि पार्टी बाढ़ मामले में सिंह की गिरफ्तारी की मांग करती है. इस मामले में पुतुश यादव की हत्या कर दी गयी थी. पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद ने भी स्पष्ट किया है कि सरकार को कानून को उसका काम करने देना चाहिए.

लालू ने कहा कि यह मामला पटना के नये एसएसपी विकास वैभव के लिए अग्नि परीक्षा है क्योंकि वह राज्य में आने से पहले एनआईए में थे.

दूसरी बार विधायक बने अनंत सिंह पटना जिले के बाढ़ इलाके में कथित रूप से समानांतर प्रशासन चलाने के कारण ''छोटे सरकार'' के नाम से जाने जाते हैं. अनंत पूर्व में कई बार नीतीश कुमार सरकार के लिए अप्रिय स्थिति उत्पन्न कर चुके हैं.

उन पर पूर्व में मीडिया के एक व्यक्ति को बंधक बनाने एवं उससे मारपीट करने तथा पटना नगर निगम के आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप लग चुके हैं. नगर निगम ने शहर के बीचोंबीच उनके माल की दो मंजिलें ढहाने के आदेश दिये थे.

नीतीश कुमार के साथ सत्ता संघर्ष के चरम दौर में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अनंत सिंह पर उन्हें नीतीश से बगावत करने पर थप्पड़ मारने की धमकी दी थी.

राजद ने बाढ़ के अपहरण सह हत्या मामले में उनकी कथित संलिप्तता पर कड़ा रूख अपनाया जिसके चलते नीतीश कुमार सरकार को उनके खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करनी पड़ी.

राजद प्रवक्ता द्वारा संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक रूप से मांग किये जाने के कुछ ही घंटों बाद पटना एसएसपी की अगुवाई में पुलिस का एक बड़ा दल विशेष तलाशी वारंट लेकर अनंत सिंह के घर पहुंच गया.

राजद प्रवक्ता और पार्टी के एक दल के साथ कल बाढ़ का दौरा कर चुके मुंद्रिका सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा कि पीड़ितों के परिवारों एवं स्थानीयों ने विधायक की ''संलिप्तता'' को पुष्ट किया है.

उन्होंने मामले में विधायक का नाम शामिल करने तथा उनकी फौरन गिरफ्तारी की मांग की. उन्होंने यह भी मांग की कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती जितेन्द्र राणा को पटना में रखा जाये.

राणा ने एसएसपी पटना का पद त्यागने से कुछ पहले ही संवाददाताओं के समक्ष यह खुलासा किया है. उनका मोतिहारी तबादला कर दिया गया है और उनकी जगह विकास वैभव ने ली है. जदयू के राज्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राणा के तबादले का मामले से कुछ लेना देना नहीं है तथा उन्होंने दावा किया कि कानून अपना काम करेगा.

बिहार कांगेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा यह कहा हैं कि किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जायेगा तथा पार्टी को भरोसा है कि मौजूदा मामले में भी कानून अपना काम करेगा.

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि अनंत सिंह को बचाने के लिए नीतीश कुमार ने पटना एसएसपी जितेन्द्र राणा का तबादला कर दिया जिससे साबित होता है कि वह राज्य में आतंक का राज्य कायम करना चाहते हैं.

सुशील मोदी ने एक बयान में अनंत सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विस्त आदमी बताया और आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री की रैलियों के लिए भीड़ जुटाता है. उन्होंने कहा कि विधायक का नाम कई बार भूमि हथियाने तथा राज्य राजधानी में होटल एवं माल बनाने के सिलसिले में आता है.

भाजपा नेता ने कहा कि प्रशासन ने उन पर हाथ डालने की कभी हिम्मत नहीं दिखायी.



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