अरसे बाद एक मंच पर दिखेंगे लालू-नीतीश!

Last Updated 30 May 2015 06:50:49 AM IST

बिहार की राजधानी के गांधी मैदान में आयोजित निषाद अधिकार संकल्प महारैला में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद प्रमुख लालू प्रसाद एक साथ मंच पर फिर दिखाई देंगे.


राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

बिहार में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के बहाने ही सही पर शनिवार को राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित निषाद अधिकार संकल्प महारैला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के एक साथ चुनावी शंखनाद करने का गवाह बनने जा रहा है. हालांकि राजनीतिक गलियारों में नीतीश व लालू के एक मंच पर दिखने को लेकर अब तक संशय बना है.

कुछ ही माह पहले गांधी मैदान में ही कुंभकार रैली में नीतीश और लालू को एक साथ मंच पर आना था लेकिन ऐन मौके पर नीतीश ‘तबीयत’ खराब होने के कारण रैली को संबोधित नहीं कर पाये. वैसे भी नीतीश और लालू को एक साथ देखने का सुख राजधानीवासियों को अरसे से नहीं मिल पाया है. विधानसभा उपचुनाव में दोनों एक मंच पर दिखे थे लेकिन समस्तीपुर और हाजीपुर में.

इस महारैला के चुनावी होने के संकेत को लेकर कहा जा रहा है कि निषाद वोट बैंक की एकजुटता को महागठबंधन के पक्ष में भुनाने के लिए शनिवार को राज्य सरकार मछुआरा समाज को कई नई घोषणाओं का तोहफा देने जा रही है. इन घोषणाओं का एक मकसद तो मछुआरा समाज को लाभान्वित करना है दूसरी ओर पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री बैद्यनाथ सहनी को एक तरह से इस समाज का नेता भी घोषित कराना है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में मछुआरा समाज को महागठबंधन की तरफ मोड़ने का काम वे कर सकें. संभावना है कि शनिवार के महारैला में राज्य सरकार द्वारा मछुआरा समाज को लाभ दिलाने के  लिए कई लुभावनी घोषणाएं की जाएंगी.

पशु व मत्स्य संसाधन विभाग नई घोषणाओं के संदर्भ में कई संचिकाओं को निपटा रहा है और कु छ को मंत्रिपरिषद् की बैठक में शीघ्र भेजवाने की तैयारी भी कर रहा है. शनिवार को जो घोषणा होने जा रही है उसमें सबसे प्रमुख है कि मछुआरा समाज को एक रुपये के टोकन पर जलकर की बंदोबस्ती कराना. सरकार का दूसरा बड़ा फैसला होने जा रहा है डीजल अनुदान के संबंध में. कहा जा रहा है कि किसान डीजल अनुदान के तर्ज पर ही अब मछुआरा समाज को भी डीजल अनुदान का लाभ मिलने जा रहा है. राज्य सरकार सुखाड़ व बाढ़ से प्रभावित मछली उत्पादन को देखते हुए मछुआरों को क्षतिपूर्ति देने की भी घोषणा करने जा रही है.

साथ ही मोपेड के लिए अनुदान देना, तालाब में बोरिंग तथा पंप सेट पर अनुदान करना, मछुआरों के रिक्त पदों को शीघ्र भरना तथा मत्स्यजीवी सहयोग समिति का अध्यक्ष व सचिव पद केवल मछुआरा को दिये जाने की घोषणा भी शामिल है. ज्ञात हो कि बिहार में खासकर उत्तर बिहार में मछुआरा समाज विशेष रूप से संगठित है. इनको पक्ष में करने को लेकर सभी दल अपने अपने ढंग से इस समाज को अपने पक्ष में एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा ने भी अप्रत्यक्ष रूप से ‘सन ऑफ मल्लाह’ मुकेश सहनी के जरिये ऐसी कोशिश की. विगत दिनों ‘सन ऑफ मल्लाह’ ने गांधी मैदान में इस समाज के लिए एक रैली का आयोजन किया था. माना जा रहा है कि उसी रैली की काट में पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री बैद्यनाथ सहनी निषाद अधिकार संकल्प महारैला करने जा रहे हैं.

सांप्रदायिकता के विरुद्ध मछुआरा समाज एकजुट

पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री बैद्यनाथ सहनी ने कहा कि राज्यस्तरीय निषाद अधिकार संकल्प महारैला की तैयारी पूरी कर ली गई है. राज्य के सभी जिलों में एक दिवसीय सम्मेलन कर मछुआरा समाज को इस महारैला में आने का आमंतण्रदिया गया है. उन्होंने कहा कि इस समाज के सभी सक्रिय नेताओं के प्रयास के बाद हर जिले से जो सूचनाएं मिल रही हैं उसके अनुसार यह महारैला इस वर्ष की गयी सभी रैलियों से बड़ा होगा क्योंकि सांप्रदायिकता के खिलाफ आज मछुआरा समाज एकजुट हो गया है. उन्होंने कहा कि यह महारैला मछुआरा समाज के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस समाज की दशा और दिशा को सुधारने के लिए कई योजनाओं पर काम किया है और अब इन योजनाओं को मूर्त रूप देना शेष रह गया है.

साथ ही इस समाज की समस्या को सुधारने के लिए भी मुख्यमंत्री ने जो निर्णय लिये हैं उसे सुनने और समझने का दिन 30 मई साबित होने जा रहा है. सहनी ने कहा कि शनिवार के महारैला से यह पता चल जाएगा कि मछुआरा समाज एकजुटता के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के नेतृत्व में साम्प्रदायिकता के विरुद्ध लड़ी जाने वाली लड़ाई के साथ है. रैली की सफलता के लिए पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी, पूर्व सांसद रामदेव भंडारी, मछुआरा आयोग के अध्यक्ष विनाथ प्रसाद सिंह, सांसद अनिल सहनी, उपेन्द्र सहनी, अमरनाथ चंद्रवंशी, दीपक निषाद, सुनीता बिंद ने भी राज्य भर में घूम-घूम कर इस समाज को जागृत करने का काम किया है.

चंदन
एसएनबी


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