बिहार में 53, 000 होमगार्ड जवानों ने घंटों रोकीं ट्रेनें

Last Updated 21 May 2015 05:00:28 AM IST

53 हजार होमगार्ड जवानों के प्रदेश में किए गए ‘चक्का जाम’ आंदोलन के दौरान प्रदेश में रेल एवं सडक यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है.


पटना में बुधवार को ट्रेन परिचालन रोककर नारेबाजी करते होमगार्ड.

अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर पिछले करीब एक हफ्ते से आंदोलन कर रहे गृहरक्षकों ने अपनी पूर्व प्रस्तावित चक्का जाम आंदोलन को सफल बनाते हुए राजधानी पटना में सड़क जाम करने के साथ-साथ ट्रेनों का परिचालन को घंटों बाधित रखा.

मुजफ्फरपुर से मिली जानकारी के मुताबिक होमगार्ड जवानों के चक्का जाम आंदोलन के कारण सड़क जाम फंसे गंभीर रूप से बीमार 15 वर्षीय विजय सहनी की मौत समाहरणालय परिसर में हो गयी. विजय मुशहरी थाना क्षेत्र के प्रहलादपुर पंचायत के बेदौलिया ग्राम निवासी गणेश सहनी का पुत्र था.

वहीं बेतिया में होमगार्ड जवानों एवं पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो गयी जिसमें पुलिस जवानों ने लाठिया भांजी तो होमगार्ड जवानों ने भी पथराव एवं लाठी डंडों से प्रहार किया. इस दौरान नगर थानाध्यक्ष विमलेन्दु कुमार समेत आधा दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गये.

वहीं रेलवे स्टेशन पर नाश्ता-पानी की स्टॉल पर तोड़ फोड़ की गयी. इस दौरान रक्सौल से दिल्ली जा रही सत्याग्रह एक्सप्रेस को दो घंटे तक रोक कर रखा गया. उधर पटना में गृहरक्षक आर ब्लॉक चौराहे पर मांगों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन किया. बुधवार को सैकड़ों की तादाद में होमगार्ड के जवानों ने ट्रेनों को रोककर जमकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की. सुबह 10 बजते ही काफी संख्या में होमगार्ड के जवान ट्रैक पर आ गये और ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया.

इस कारण कई महत्वपूर्ण ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर घंटों खड़ी रहीं. अपनी मांगों पर अड़े गृहरक्षक किसी की भी सुनने को तैयार नहीं दिखे. उधर राजधानी पटना में गृहरक्षकों के इस चक्का जाम के कारण राजधानी की कई सड़कों पर भीषण जाम की स्थिति बनी रही, जिससे राजधानीवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संघ के संरक्षक सह विधायक सोमप्रकाश ने गृहरक्षकों का चक्का जाम कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल बताया.

उन्होंने कहा कि 21 मई को गृहरक्षक जेल भरो अभियान चलायेंगे. इसमें  राज्य के 72 हजार गृहरक्षक अपने-अपने जिले में जेल जायेंगे. अपनी मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए हम ‘करो या मरो नारों के साथ कफन बांध कर आर-पार की लड़ाई के लिए संकल्पित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार गृहरक्षकों के साथ वादाखिलाफी कर रही है. सरकार का गृहरक्षकों के प्रति रवैया दुर्भावना से प्रेरित है, जबकि गृहरक्षकों द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था बनाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता है.

होमगार्ड आंदोलन छोड़ें, तभी वार्ता

राज्य में होमगार्ड के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि होमगार्ड आंदोलन छोड़ें तो सरकार वार्ता के लिए तैयार है. गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने बुधवार को बताया कि होमगार्ड जवानों की मांगों पर सरकार विचार कर रही थी. इसको लेकर पिछले रविवार को होमगार्ड जवानों के संगठनों से वार्ता भी हुई थी. संगठनों से सरकार ने चार दिन का समय मांगा था. इसके बावजूद संगठन मानने को तैयार नहीं थे.

सरकार के स्तर पर राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में शामिल होने के लिए प्रस्ताव भी तैयार किये जा रहे थे. उन्होंने बताया कि अब जिस तरह से होमगार्ड के जवान आंदोलन कर सड़क जाम और रेल जाम कर रहे हैं. इससे जनता को परेशानी हो रही है. इस स्थिति में सरकार अब होमगार्ड जवानों से पहले आंदोलन समाप्त करने की अपील करेगी. होमगार्ड का आंदोलन समाप्त होने पर ही सरकार वार्ता करेगी.



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